ब्रेन डेड युवती ने बचायी तीन लोगों की जान, कायम की मिसाल
मालदा निवासी ब्रेन डेड युवती के लीवर और किडनी को मरीजों में प्रत्योपित किया गया जिससे तीन लोगों की जान बच गयी।
कोलकाता, जेएनएन। मरने के बाद भी दूसरों को जिंदगी देने के पुण्य काम के प्रति कोलकातावासियों में जागरुकता तेजी से बढ़ती जा रही है। इस बीच एक बार फिर महानगर में एक युवती के ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद उसके स्वजनों ने अंगदान करने का फैसला किया। सूत्रों के मुताबिक गत आठ नवंबर को मालदा निवासी युवती को हृदय संबंधी रोग के कारण महानगर के रवींद्र नाथ टैगोर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियक साइंसेस (आरएनटीआइसीसी) में भर्ती कराया गया था, जहां जांच के बाद डाक्टरों ने उसके सिर में संक्रमण होने की बात कही थी। कुछ दिन इलाज के बाद डाक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। बेटी के ब्रेन डेड होने की खबर सुनते ही
स्वजनों ने उसके अंगो को दान करने का फैसला किया। बताया गया है कि उसके लीवर और दोनों किडनी से तीन लोगों को नया जीवन मिला है। युवती के लीवर को आरएनटीआइसीसी में ही लीवर सिरोसिस से पीड़ित 37 वर्षीय एक मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया। वहीं युवती की एक किडनी अस्पताल में ही भर्ती एक मरीज को प्रत्यारोपित किया गया। जबकि दूसरी किडनी ग्रीन कॉरिडोर तैयार कर महानगर के सुपर स्पेशियालिटी अस्पतालों में शुमार एसएसकेएम लाया गया, जहां एक मरीज में दूसरी किडनी प्रत्यारोपित कर उसे जीवनदान दिया।
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ब्रेन डेड युवती के भाई ने कहा कि मेरी बहन अभी जीवित है। वह इन तीन लोगों के ही शरीर में जीवित रहेगी। फिलहाल प्रत्यारोपण के बाद आरएनटीआइसीसी में मरीजों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों से महानगर में लगातार ब्रेन डेड के मामले सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही लोगों में अंगदान के प्रति काफी जागरुकता भी बढ़ी हैं।
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