नहीं रहे विज्ञापन जगत के रचनात्मक व्यक्तित्व राम रे
जागरण संवाददाता कोलकाता विज्ञापन जगत के सुविख्यात रचनात्मक व्यक्तित्व व रिस्पास ग्रुप के संस्थापक
जागरण संवाददाता, कोलकाता : विज्ञापन जगत के सुविख्यात रचनात्मक व्यक्तित्व व रिस्पास ग्रुप के संस्थापक राम रे का मंगलवार को दक्षिण कोलकाता के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह लंबे समय से किडनी की समस्या से जूझ रहे थे। पत्नी हासी व पुत्री राशि को 74 वर्ष की आयु में छोड़ इस दुनिया को उन्होंने अलविदा कह दिया। उन्होंने अपने अंदाज में बांग्ला के साथ ही संपूर्ण भारत के लिए नए सिरे विज्ञापन की शब्दावली गढ़ खुद को इस इंडस्ट्री में स्थापित किया था। करीब 50 वर्षो तक राम विज्ञापन क्षेत्र में सक्रिय रहे तथा उनके द्वारा लिखे गए जिंगल व कैचलाइन खासा लोकप्रिय हुए। वे कई विज्ञापन एजेंसियों के साथ जुड़े थे। साथ ही करीब 150 से अधिक नामचीन ग्राहकों के लिए उन्होंने विज्ञापन तैयार किए। इसके अलावा भारत व अमेरिका के जेडब्यूटी के लिए उन्होंने 40 वर्षो से अधिक समय तक कार्य किया था। वह एक अन्य प्रमुख विज्ञापन कंपनी क्लेरियन (बेट्स) से भी जुड़े थे। वहीं वर्ष 1984 में उन्होंने रिस्पास ग्रुप की स्थापना की। इस संस्थान से सुप्रसिद्ध दिवंगत बांग्ला फिल्ममेकर रितुपर्णो घोष भी जुड़े थे, जहां उन्होंने करीब दस वर्ष तक काम भी किया था। जिन्हें आगे चलकर विज्ञापन जगत में उम्दा काम को कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। साथ ही वर्ष 2012 में उन्हें संवाद प्रतिदिन सृजन सम्मान 'हॉल ऑफ फेम' से नवाजा गया। बता दें कि राम रे प्रेसिडेंसी कॉलेज के अंग्रेजी व संस्कृत साहित्य के छात्र थे। उन्होंने विज्ञापन, फोटोग्राफी, टाइपोग्राफी, ग्राफिक्स, साहित्य समेत अन्य रचनात्मक क्षेत्रों में अपना प्रभाव छोड़ा। उनकी तुलना ऑस्कर विजेता मशहूर फिल्मकार व विज्ञापन निर्माता सत्यजीत रे से की जाती थी। वह 'मदर डेयरी', 'फ्रूटी', 'कुकमी', 'बोरोलीन', 'मार्गो' समेत अन्य कई कंपनियों के लिए उन्होंने विज्ञापन तैयार किया था।