लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा, SC का फैसला न्यायिक व्यवस्था में लोगों के विश्वास को मजबूत करेगा
अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की प्रशंसा करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि इससे देश की न्यायिक प्रणाली में लोगों का विश्वास और मजबूत होगा।
नई दिल्ली, प्रेट। अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की प्रशंसा करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने शनिवार को कहा कि इससे देश की न्यायिक प्रणाली में लोगों का विश्वास और मजबूत होगा। निर्णय का सम्मान करने पर जोर देते हुए बिड़ला ने ट्वीट किया कि सामाजिक सद्भाव की भारतीय परंपरा को जीवित रखना हमारी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला न्यायिक प्रणाली में आम आदमी के विश्वास को और मजबूत करेगा। बाद में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्र में, लोगों को कानून के शासन पर पूरा भरोसा है। हमारे लोकतंत्र में न्यायपालिका सर्वोच्च है। सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला दिया गया, सही फैसला दिया गया है, मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं।
जब सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी की प्रतिक्रिया पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वह फैसले से खुश नहीं हैं, भले ही वह सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं, इस पर बिडला ने कहा कि 130 करोड़ नागरिकों ने न्यायपालिका के लिए सम्मान दिखाया है। हम एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास रखते हैं।
बीजेडी के लोकसभा सांसद अच्युतानंद सामंत ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला देता है तो हम सभी को इसे स्वीकार करना चाहिए। यह निर्णय एक अच्छा फैसला है। हम सभी बहुत खुश हैं। यह लंबे समय से रुका हुआ फैसला था। इसे सुलझा लिया गया है और हर भारतीय नागरिक इसे स्वीकार करेगा। अधिकतम लोग फैसले से खुश हैं।
एक शताब्दी से अधिक समय से चले आ रहे एक बड़े मुद्दे को सुलझाते हुए सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने एकमत से शनिवार को एक ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर एक सरकारी ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के निर्माण का समर्थन किया और फैसला सुनाया कि मुस्लिम समुदाय को अयोध्या में वैकल्पिक तौर पर पांच एकड़ जमीन मिलनी चाहिए।
सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से मुख्य याचिकाकर्ता था। पहले बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा था कि वे अदालत के फैसले से असंतुष्ट हैं और इसके खिलाफ अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि अयोध्या के फैसले में बहुत अधिक विरोधाभास हैं। हम एक समीक्षा की तलाश करेंगे क्योंकि हम फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।