बंगाल में 2030 तक आएगी ई-वाहन क्रांति
परिवहन विभाग ने कोलकाता के सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक मोड में स्थानांतरित करने का रोडमैप तैयार किया है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : परिवहन विभाग ने कोलकाता के सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक मोड में स्थानांतरित करने का रोडमैप तैयार किया है। इसके तहत ई-वाहन क्रांति की समय सीमा 2030 तक निर्धारित की गई है। पश्चिम बंगाल परिवहन निगम (डब्ल्यूबीटीसी) की ा 2030 तक 5,000 इलेक्ट्रिक बसें संचालित करने की योजना है। ये बसें कोलकाता के साथ आसपास के इलाकों को जोड़ने का काम करेंगी। परिवहन विभाग की हुगली नदी में बैटरी चालित नौका सेवा शुरू करने की भी भावी योजना है।
इस बाबत डेनमार्क के कोपेनहेगन में सी-40 वर्ल्ड मेयर समिट में कोलकाता के मेयर व राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम द्वारा दिए गए बयान का हवाला देते हुए राज्य के परिवहन सचिव नारायण स्वरूप निगम ने कहा-'हमारे पास पहले से ही कोलकाता शहर में ट्राम नेटवर्क है। पूरे महानगर को जल्द ही मेट्रो नेटवर्क से जोड़ लिया जाएगा। राज्य सरकार कोलकाता में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 241 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना के साथ तैयार है।'
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कोलकाता को मिला प्रतिष्ठित सी-40 सम्मान
गत गुरुवार को ही कोलकाता को सी-40 प्रतिष्ठित सम्मान मिला है। यह सम्मान कोपेनहेगन में मेयर फिरहाद हकीम ने कोलकाता को प्रदूषण-मुक्त बनाने में बेहतर कदम उठाने पर हासिल किया। ब्लूमबर्ग परोपकारियों ने 2019 सी-40 शहरों के सात विजेताओं की घोषणा की, जिसमें कोलकाता भी शामिल है।
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पुरानी बसों की जगह लेंगी ई-बसें : फिरहाद
पुरस्कार प्राप्त करने के बाद अपने भाषण में फिरहाद ने कहा-'पश्चिम बंगाल परिवहन निगम पहले से ही इलेक्ट्रिक बसों को कोलकाता व उपनगरीय इलाकों में संचालित कर रहा है। डब्ल्यूबीटीसी की योजना 2030 तक 5,000 इलेक्ट्रिक बसें संचालित करने की है। इससे प्रति वर्ष कार्बन डाइ आक्साइड उत्सर्जन में 782,560 टन की कमी आएगी। फेम -2 (इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने व विनिर्माण) योजना के तहत हमने उक्त संचालित बसों के अलावा पहले ही 300 और इलेक्ट्रिक बसों के लिए ऑर्डर दे दिया है। ये सभी ई-बसें पुरानी प्रदूषण फैलाने वाली बसों की जगह लेंगी।' परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह बदलाव धीरे-धीरे होगा। कोलकाता में पहले से ही 80 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। अकेले न्यूटाउन में जल्द ही 50 ई-बसें संचालित की जाएगी। इसके अलावा हल्दिया और दुर्गापुर-आसनसोल के लिए 100 और ई-बसें भी ले रहे हैं। नदी में बैटरी चालित नौका सेवा शुरू करने के तरीके भी तलाशे जा रहे हैं। इस बाबत कई ई-पोत निर्माताओं के साथ बातचीत चल रही है।