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बंगालः कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

Rajiv Kumar. सारधा चिटफंड घोटाले में साक्ष्य नष्ट करने के आरोपित कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका शनिवार को अलीपुर कोर्ट ने खारिज कर दी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 05:21 PM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 10:09 PM (IST)
बंगालः कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
बंगालः कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

जागरण संवाददाता, कोलकाता। सारधा चिटफंड घोटाले में साक्ष्य नष्ट करने के आरोपित कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका शनिवार को अलीपुर कोर्ट ने खारिज कर दी। इस बीच बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने राजीव कुमार की हत्या की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि राजीव की गिरफ्तारी होने पर कई दिग्गज जेल में होंगे। ऐसे में उनकी हत्या कराई जा सकती है। दूसरी तरफ राजीव कुमार की तलाश में सीबीआइ की छापामारी जारी है। सीबीआइ ने अब सीआइडी मुख्यालय में तलाशी अभियान चलाया।

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इसके अलावा कोलकाता समेत आसपास के जिलों में रिसोर्ट व होटलों में छापामारी की गई। सीबीआइ की एक टीम उत्तर प्रदेश में राजीव के पैतृक आवास पर भी जा पहुंची, लेकिन वहां भी सफलता नहीं मिली। गौरतलब है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए राजीव कुमार ने अलीपुर कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। शनिवार को मामले की सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता ने कहा कि सारधा मामले में सीबीआइ द्वारा पेश की गई चार्जशीट में कहीं भी राजीव कुमार का नाम नहीं है। बार-बार इस मामले में लाल डायरी की बात कही जा रही है, जिसे सिर्फ मीडिया द्वारा ही सुना गया है। मामले में आरोपित देवयानी के यहां भी कोई डायरी नहीं मिली। इससे पहले सीबीआइ के अधिवक्ता ने राजीव कुमार को फरार बताते हुए उनकी अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया।

सीबीआइ ने अदालत को बताया कि राजीव कुमार का फोन बंद है। यहां तक कि राज्य सरकार को भी उनके ठिकाने के बारे में पता नहीं है और वे अपने आवास पर भी नहीं हैं। राजीव कुमार को कई बार पूछताछ के लिए नोटिस दिया गया, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। सीबीआइ के अधिवक्ता ने पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम का हवाला देते हुए अदालत को बताया कि आर्थिक भ्रष्टाचार में आरोपित होने की वजह से उनकी भी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।

इसके जवाब में राजीव कुमार के अधिवक्ता ने कहा कि 28 अगस्त को हमने राजीव का एक पत्र मेल किया था, जिसमें कहा गया था कि एक सितंबर तक मैं उपलब्ध हूं और उसके बाद मैं 25 सितंबर तक उपलब्ध नहीं रहूंगा। यह हाई कोर्ट के आदेश से पहले भी सूचित किया गया था। तब सीबीआइ उन्हें कैसे फरार घोषित कर सकती है?

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायधीश ने राजीव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले गुरुवार को सीबीआइ ने राजीव कुमार के खिलाफ गैर जमानती धारा के तहत गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए अलीपुर कोर्ट के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के समक्ष आवेदन किया था, जहां दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने राजीव कुमार के आवेदन को खारिज करते हुए सीबीआइ को उन्हें गिरफ्तार करने की इजाजत दी थी।


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