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केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो पर जादवपुर यूनिवर्सिटी में हमला, छात्रों ने छह घंटे तक घेरे रखा

Babul Supriyo. बंगाल में विरोध-प्रदर्शन के दौरान केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के साथ धक्का-मुक्की और बदसलूकी करने का भी आरोप लगाया गया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 07:19 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 08:29 AM (IST)
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो पर जादवपुर यूनिवर्सिटी में हमला, छात्रों ने छह घंटे तक घेरे रखा
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो पर जादवपुर यूनिवर्सिटी में हमला, छात्रों ने छह घंटे तक घेरे रखा

जागरण संवाददाता, कोलकाता। उग्र छात्र आंदोलनों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहने वाले कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय में गुरुवार को माहौल एक बार फिर गर्मा उठा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे केंद्रीय पर्यावरण व वन राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो को छात्रों के एक वर्ग ने उन्हें करीब छह घंटे घेरे रखा। उन्होंने उनके साथ बदसलूकी की। धक्का-मुक्की भी की गई। वह गिर पड़े। उनके कपड़े फाड़ दिए गए। उन्हें बालों और कॉलर से पकड़ कर खींचा गया। अंगरक्षकों ने विरोध किया तो वे उन पर भी टूट पड़े। 

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बताया गया है कि यह हरकत नक्सलपंथी छात्रों की है। इसमें वाममोर्चा समर्थित छात्र संगठन एसएफआइ (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) का भी हाथ बताया जा रहा है। दूसरी तरफ एसएफआइ ने इससे इन्कार किया है।

राज्यपाल ने किसी तरह मंत्री को बचाया 

विश्वविद्यालय में केंद्रीय मंत्री पर हमले की खबर पर बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ उन्हें प्रदर्शनकारी छात्रों के चंगुल से छुड़ाने पहुंचे तो उन्हें भी छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा। राज्यपाल ने बाबुल को किसी तरह छात्रों के घेरे से निकालकर अपनी कार में बिठाया। इसके लिए उन्हें दो बार प्रयास करना पड़ा। जैसे ही दोनों कार में बैठे तो छात्रों ने उसे घेरकर विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। राज्यपाल शाम करीब 7 बजे मौके पर पहुंचे थे और रात करीब 8.15 बजे बाबुल को लेकर उनकी गाड़ी विश्वविद्यालय परिसर से निकल पाई। आरोप है कि इस पूरी घटना के दौरान पुलिस मूक दर्शक बनी रही।

उचित कदम उठाने का निर्देश

राज्यपाल ने कहा कि केंद्रीय मंत्री को गलत तरीके से विश्वविद्यालय परिसर में रोककर रखा गया। राज्यपाल ने घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एवं राज्य के मुख्य सचिव को भी फोन किया। मुख्य सचिव को अविलंब उचित कदम उठाने का निर्देश दिया। कहा कि इस घटना की शुरुआत में ही कुलपति सुरंजन दास को कदम उठाना चाहिए था। उन्होंने कुलपति से मामले की रिपोर्ट तलब की है।

लगाए 'वापस जाओ' के नारे

बाबुल सुप्रियो गुरुवार दोपहर करीब 2.30 बजे विश्वविद्यालय परिसर में पहुंचे थे। उनके विश्वविद्यालय परिसर में पहुंचते ही छात्रों ने उन्हें लक्ष्य कर 'वापस जाओ' के नारे लगाने शुरू कर दिए। उसी दौरान छात्रों के एक समूह ने उन पर हमला बोल दिया। गुरुवार को विश्वविद्यालय में एबीवीपी की ओर से 'स्वाधीनता के बाद भारत में शासन व्यवस्था' विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया था। बाबुल इसमें बतौर अतिथि आमंत्रित थे। इस घटना को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में दिन भर तनाव रहा।

2017 में लगे थे नारे आजादी के नारे

जादवपुर विवि 2017 में उस वक्त बेहद सुर्खियों में रहा था, जब फाइन आर्ट्स विभाग के बाहर छात्रों ने कश्मीर, मणिपुर और नगालैंड के लिए 'आजादी' के नारे लगाए। भाजपा के प्रदेश महासचिव राजू बनर्जी ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पुलिस की भूमिका निष्कि्रय रही।

भाजपा ने की निंदा

भाजपा के राष्‍ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि माकपा का प्रजातंत्र पर कभी विश्वास नहीं रहा है। बंगाल में यदि गणतंत्र नहीं है, तो इसमें सबसे बड़ा हाथ 34 साल की वामपंथी सरकार का है, जिन्होंने प्रजातंत्र की हर दिन धज्जियां उड़ाई। अभी भी वही परंपरा कायम है।

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