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सरकार किसानों के कल्याण व उद्योगों को बढ़ावा देने को प्रतिबद्ध : ममता

सिंगुर के किसानों को उनकी जमीन के कागजात लौटाने की तीसरी वर्षगांठ पर शनिवार को मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के कल्याण और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भी प्रतिबद्ध है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 01:00 AM (IST)
सरकार किसानों के कल्याण व उद्योगों को बढ़ावा देने को प्रतिबद्ध : ममता
सरकार किसानों के कल्याण व उद्योगों को बढ़ावा देने को प्रतिबद्ध : ममता

जागरण संवाददाता, कोलकाता : सिंगुर के किसानों को उनकी जमीन के कागजात लौटाने की तीसरी वर्षगांठ पर शनिवार को मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के कल्याण और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भी प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि राज्य में पूर्ववर्ती वाममोर्चा सरकार ने टाटा की नैनो की फैक्ट्री लगाने के लिए सिंगुर के किसानों की जमीन अधिग्रहित कर ली थी। अदालत के निर्देश पर तीन साल पहले उन्हें उनकी जमीन लौटाई गई थी। बतौर तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने 2016 में आज ही के दिन 9,117 किसानों की जमीन के कागजात उन्हें वापस दिलवाए थे। इसके अलावा उन्होंने 806 लोगों को चेक भी दिया था। ममता ने इस अवसर को ऐतिहासिक बताया था।

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ममता ने शनिवार को ट्वीट किया-'आज उस ऐतिहासिक दिन की तीसरी वर्षगांठ है, जब हमारी सरकार ने सिंगुर में जबरन हथिया ली गई किसानों की जमीन के कागजात उन्हें वापस दिलवाए। हम उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं। मैं इस अवसर पर मां, माटी, मानुष को प्रणाम करती हूं।'

उल्लेखनीय है कि मां, माटी और मानुष 2009 के आम चुनाव से पहले ममता द्वारा दिया गया राजनीतिक नारा था। अंतत: यह उनकी और उनकी पार्टी की पहचान वाला नारा बन गया। तृणमूल ने टाटा द्वारा 2006 में सिंगुर में नैनो कार की फैक्ट्री लगाने के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ व्यापक आंदोलन किया था। सिंगुर 2008 में बंगाल की राजनीति के लिए बहुत बड़ा मुद्दा बन गया था, जब तृणमूल ने कार फैक्ट्री के वास्ते किए गये कृषि भूमि के अधिग्रहण के खिलाफ जबर्दस्त आदोलन चलाया था। तृणमूल के इस आंदोलन के चलते न केवल टाटा की नैनो कार फैक्ट्री को बोरिया बिस्तर समेटना पड़ा बल्कि ममता 2011 में सत्ता में पहुंच गईं।


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