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बंगाल में अब दुर्गापूजा पंडालों के उद्घाटन पर टीएमसी और भाजपा में तकरार

Durga Puja. बंगाल में भाजपा व सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के बीच अब दुर्गापूजा पंडालों के उद्घाटन को लेकर सियासी लड़ाई शुरू हो गई है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 07:21 PM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 07:21 PM (IST)
बंगाल में अब दुर्गापूजा पंडालों के उद्घाटन पर टीएमसी और भाजपा में तकरार

जागरण संवाददाता, कोलकाता। 2021 में होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच अब दुर्गापूजा पंडालों के उद्घाटन को लेकर सियासी लड़ाई शुरू हो गई है। इसको लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने है। दरअसल, कोलकाता के कई नामी पूजा आयोजकों ने प्रदेश भाजपा को प्रस्ताव देकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अपने पंडालों का उद्घाटन कराने का अनुरोध किया है। जिसके बाद खबर है कि इस माह के अंत में शाह कई पूजा पंडालों का उद्घाटन करने बंगाल आ सकते हैं।

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दूसरी ओर, तृणमूल ने आरोप लगाया है कि भगवा दल बंगाल के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा का भी राजनीतिकरण कर रही है। हालांकि वरिष्ठ भाजपा नेता मुकुल रॉय ने गुरुवार को स्पष्ट कहा था कि शाह को आमंत्रित करने का निर्णय पूजा आयोजकों द्वारा लिया गया है और स्वयं या उनकी पार्टी की इसमें कोई भूमिका नहीं है। प्रदेश भाजपा की ओर से 11 सितंबर को शाह को पत्र भेजकर पूजा आयोजकों की ओर से मिले प्रस्ताव के बारे में सूचित किया गया है।

इधर, तृणमूल के वरिष्ठ नेता, मंत्री एवं कोलकाता के जाने-माने एकडालिया एवरग्रीन दुर्गा पूजा कमेटी के संरक्षक सुब्रत मुखर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा दुर्गा पूजा का राजनीतिकरण कर बंगाल में एक बुरा चलन स्थापित करने की कोशिश कर रही है। मुखर्जी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब एक पार्टी अचानक सामने आई है जो दुर्गा पूजा के मूड को खराब करने से भी नहीं हिचकिचा रही है। अब उन लोगों को लाकर उत्सव मनाने का प्रयास कर रही है जो कभी हमारी दुर्गा पूजा का हिस्सा नहीं थे।

दूसरी ओर, दक्षिण कोलकाता के प्रमुख पूजा आयोजकों में शामिल फ्रेंड्स क्लब ऑफ ट्रांइगुलर पार्क के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि हम किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े नहीं हैं और हमारे पास कोई भी राजनीतिक रंग नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने अमित शाह जी को केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में पूजा पंडाल के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया है। उनकी उपस्थिति से इलाके के लोगों को गर्व होगा। वहीं, भाजपा नेता मुकुल राय ने भी इस बात से साफ इन्कार किया कि भाजपा पूजा को ध्यान में रखकर राजनीति कर रही है। राय ने पूजा आयोजकों की ओर से मिले प्रस्ताव का पत्र भी मीडिया को दिखाया और जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी बंगाल के सबसे बड़े त्योहार के साथ राजनीति करने में विश्र्वास नहीं करती है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए लोगों की भावना ही सर्वोपरि है।

इससे पहले महानगर के एक पुराने दुर्गा पूजा कमेटी संघश्री को भाजपा अध्यक्ष शाह से अपने पूजा पंडाल का उद्घाटन कराने की योजना को करीब एक माह पहले तृणमूल के विरोध व धमकी के बाद स्थगित करना पड़ा था। इस कमेटी ने भाजपा नेता सायंतन बसु की अध्यक्षता वाली पूजा कमेटी को भी भंग कर दिया था और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाई कार्तिक बनर्जी के साथ नया समझौता किया था। प्रदेश भाजपा के महासचिव सायंतन बसु ने तब कहा था कि तृणमूल कांग्रेस पूजा कमेटियों पर नियंत्रण खोने से डर रही है। उन्होंने दावा किया था उनमें से करीब 50 फीसद पूजा पंडालों का उद्घाटन केंद्रीय या राज्य स्तर कि भाजपा नेताओं द्वारा किया जाएगा।

गौरतलब है कि बंगाल में शुरू से ही दुर्गा पूजा आयोजकों पर राजनीतिक दलों का प्रभाव रहा है। राज्य में अधिकांश सार्वजनिक पूजा पर सत्तारूढ़ तृणमूल के नेता व मंत्रियों का अधिपत्य है। परंतु, इस बार भाजपा तृणमूल को पूजा में कड़ी टक्कर देने की तैयारी में है। 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा दुर्गापूजा में अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है। शाह के बारे में माना जा रहा है कि वह 30 सितंबर या एक अक्टूबर को कोलकाता आ सकते हैं।

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