निगमीकरण के खिलाफ 20 से हड़ताल करेंगे ओएफबी कर्मी
-ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारियों ने किया एक माह की हड़ताल का एलान -बंगाल समेत देशभर के
-ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारियों ने किया एक माह की हड़ताल का एलान
-बंगाल समेत देशभर के 41 आयुध फैक्ट्रियों में काम बंद की घोषणा
राज्य ब्यूरो, कोलकाता) रक्षा मंत्रालय से जुड़े संस्थानों के कथित निगमीकरण के खिलाफ ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) के कर्मचारियों ने हड़ताल करने की घोषणा की है। कोलकाता के काशीपुर एवं इच्छापुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के कर्मचारियों के संगठन इच्छापुर प्रतिरक्षा शिल्प बचाओ कमेटी की ओर से मंगलवार को कोलकाता प्रेस क्लब में पत्रकार सम्मेलन कर यह घोषणा की गई। इसमें बताया बताया गया है कि आगामी 20 अगस्त से इन दोनों कारखानों समेत देशभर में हथियार बनाने वाले 41 कारखानों के कर्मचारी एक महीने के लिए हड़ताल करेंगे।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राइफल फैक्ट्री से जुड़े कई और संगठन के प्रतिनिधि मौजूद थे। इसमें काशीपुर दमदम प्रतिरक्षा शिल्प योथ संग्राम कमेटी, ऑल इंडिया डिफेंस एंपलाइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया डिफेंस एंपलाइज फेडरेशन, इंडियन डिफेंस वर्कर्स फेडरेशन, भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ और कंफेडरेशन ऑफ डिफेंस रिकॉग्नाइज्ड एसोसिएशन के प्रतिनिधि मौजूद थे। इंडियन डिफेंस वर्कर्स फेडरेशन के उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र नाथ में कहा कि केंद्र में नई सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में देशभर की 46 राष्ट्रीय संस्थानों में निजी विनिवेश की घोषणा की गई है।
प्राथमिक तौर पर रक्षा मंत्रालय से जुड़े संस्थानों पर चुप्पी साधी गई थी लेकिन गत 14 जुलाई को घोषणा की गई है कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के अधीनस्थ कारखानों में भी निगमीकरण किया जाएगा। इन कारखानों में से चार पश्चिम बंगाल में मौजूद हैं। चूंकि कोलकाता में ऑर्डिनेंस बोर्ड का मुख्यालय है इसलिए निर्णय लिया गया है कि आगामी 20 अगस्त से इसके खिलाफ हड़ताल से आदोलन का आगाज किया जाएगा। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया गया कि ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में सबसे पहले 1808 में कोलकाता के काशीपुर में हथियार कारखाने की स्थापना की गई थी। उसके बाद देश आजाद होने पर और 16 कारखानों की स्थापना हुई। इच्छापुर में ग्रे आयरन फॉर्नेस की स्थापना की गई। यहा एशिया का पहला आरडीएक्स बनाया गया था। कंफेडरेशन ऑफ डिफेंस रिकॉग्नाइज्ड एसोसिएशन के सुजय रॉय चौधरी ने बताया कि देशभर के विभिन्न हथियार कारखानों में 3065 तरह के हथियार बनाए जाते हैं। इसमें अगर प्राइवेट निवेश होगा तो यह देश की सुरक्षा से गंभीर खिलवाड़ होगा। हथियार कारखानों पर सरकारी नियंत्रण होना अति आवश्यक है।