पुरोहितों को भी मिलेगा भत्ता : मंत्री
- क्षेत्र व ग्राम स्तर पर संगठन तैयार कर एक हो ब्राह्मण - प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का कटाक्ष वोट क
- क्षेत्र व ग्राम स्तर पर संगठन तैयार कर एक हो ब्राह्मण
- प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का कटाक्ष, वोट को याद आए ब्राह्मण
जागरण संवाददाता, कोलकाता : राज्य की ममता सरकार अब पुरोहितों को भत्ता देगी और इसका एलान राज्य के सिचाई मंत्री राजीव बंद्योपाध्याय ने महानगर के रानी रासमणि रोड पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की। सभा में उपस्थित रहे पुरोहितों को आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा कि जल्द ही वे उक्त मसले पर राज्य की मुख्यमंत्री से बात करेंगे और उन्हें उम्मीद है कि पुरोहितों को भत्ता देने संबंधी लंबित पड़े मामले पर मुहर लग जाएगी। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने पुरोहितों से क्षेत्र व ग्रामीण अंचलों में संगठन तैयार करने और राजनीतिक अफवाहों से दूरी बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पारंपरिक ब्राह्मण उन पर भरोसा करेंगे और रही बात भत्ता देने की तो इसे किसी भी सूरत में लागू किया जाएगा। बिना किसी दल विशेष का नाम लिए उन्होंने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि एक राजनीतिक पार्टी सिर्फ राजनीतिक रोटी सेंकने के मकसद से भगवान श्रीराम को एजेंट बनाए फिर रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ब्राह्मण सबको रास्ता दिखाने का काम करेंगे। आज ब्राह्मण संकट में है और हिंदू असंगठित है। अगर हम सब एक हो गए तो धर्म के नाम पर राजनीति करने वालों की दुकानदारी बंद हो जाएगी और आगे कोई हमे बरगला नहीं सकेगा। इसके लिए जरूरी है कि हम क्षेत्र व ग्रामीण अंचल तक संगठन तैयार कर उसका प्रचार-प्रसार करे। गौरतलब है कि बीते लंबे समय से ब्राह्मण विशेष पहचान पत्र देने, बेघर ब्राह्मण के रहने की व्यवस्था करने, जिले में संस्कृत महाविद्यालय खोलने और स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराने के साथ ही जिलेवार संस्कृत स्कूल और अन्य स्कूलों में कक्षा पांचवीं तक संस्कृत की अनिवार्यता पर जोर देते आ रहे हैं। इधर, मंत्री राजीव बंद्योपाध्याय ने पुरोहितों की सभी मांगों को जायज ठहराते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी मांगों पर राज्य सरकार जरूर ध्यान देगी। दूसरी ओर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष ने इसे वोट की राजनीति करार देते हुए मंत्री की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद आज तृणमूल, भाजपा के दिखाए मार्ग पर चलने को मजबूर है लेकिन राज्यवासी इनकी चालों को बखूबी समझ रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में इनकी हार सुनिश्चित है सो अब हिंदू वोट हासिल करने को नए-नए पैतरे आजमा रहे हैं, लेकिन इनकी कोई नहीं सुनेगा।
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