प. बंगाल में आंधी-तूफान ने ली 18 की जान, मृतकों के परिजनों को दिए दो लाख के चेक
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान फिर बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।
कोलकाता, जेएनएन। मंगलवार शाम को आयी तूफान व बारिश ने महानगर के साथ-साथ हावड़ा, हुगली, उत्तर व दक्षिण 24 परगना, बांकुड़ा जिले में कहर बन कर टूट पड़ा। 72 साल बाद पहली बार 98 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आई तूफान कालबैशाखी से मरने वालों की संख्या बढ़ कर 18 हो गई।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नवान्न में बुधवार को बताया कि कोलकाता में आठ, हावड़ा में छह, हुगली व उत्तर 24 परगना जिले में दो और बांकुड़ा में दो लोगों की जान गई है। सैकड़ों घरों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से आपदा प्रबंधन व पुलिस की टीम को मौके पर भेजा गया है और सभी पीडि़तों को मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू होने की वजह से पीडि़तों को मदद की राशि का एलान बाद में किया जाएगा, लेकिन सभी को मुआवजा मिलेगा।
तूफान से सिर्फ महानगर के 155 घरों को नुकसान पहुंचा है जबकि 4500 लोग प्रभावित हुए हैं। हालांकि, कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने बुधवार को मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये के चेक सौंप दिया। सरकार की ओर से तूफान में क्षतिग्रस्त हुए मकानों के मरम्मत की भी बात कही गई है। सिर्फ कोलकाता व हावड़ा में 303 पेड़ धराशाई हो गए जिससे दूसरे दिन भी सड़क जाम रहा। कोलकाता में 225 पेड़ों के बिजली पोस्टरों व तार पर गिरने से कई इलाके में अंधेरे में है।
24 घंटे के दौरान बारिश के आसार
बुधवार सुबह से ही महानगर समेत दक्षिण बंगाल के जिलों में रूक-रूक कर बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान फिर बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। महानगर में बुधवार को बारिश के कारण गर्मी से राहत तो मिली है लेकिन दिन में उमस महसूस की गई। विभाग ने दक्षिण बंगाल में हल्की से मध्यम गति के बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। साथ ही मछुआरों को समंदर में जाने से मना किया गया है।
सचिवालय से जारी की गई सर्तकता
राज्य सचिवालय नवान्न से सभी जिलों के क्विक रिस्पांस टीम को सतर्क रहने को लेकर आदेश जारी किया गया है। जिलों में प्रशासन को 24 घंटे अलर्ट रहने को निर्देश दिया गया है। इसी के साथ आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारियों की छुट्टी भी रद कर दी गई है। टीम को कहा गया है कि तूफान के कारण यदि किसी मकान के गिरने का अंदेशा लगता है तो उस मकान को फौरन खाली कराया जाना चाहिए।
72 सालों में पहली बार आया ऐसा तूफान
अलीपुर मौसम विभाग के अधिकारी एस कर ने बताया कि पिछले 72 सालों में महानगर में ऐसा तूफान नहीं देखा गया। मंगलवार शाम 7.42 बजे 84 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान आया। इसके थोड़ी ही देर बाद इसकी रफ्तार 98 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई।
रेल, सड़क और उड़ान पर पड़ा असर
महानगर में तूफान के कारण कई जगह गाडिय़ों पर पेड़ गिर गए। कई जगह मकानों के छज्जे उड़ गए। हावड़ा स्टेशन पर एक ब्रिज के रेलिंग का हिस्सा टूट कर ट्रेन पर जा गिरा हालांकि गनीमत रही कि उस समय वहां कोई यात्री मौजूद नहीं था। तूफान के कारण कई जगह ओवरहेड वायर को नुकसान पहुंचा जिस कारण सियालदह व हावड़ा रेल मार्ग पर यात्री देर रात तक फंसे रहे। दमदम में मेट्रो लाइन के ऊपर तार टूट कर गिरने से मेट्रो सेवा बाधित रही और यात्रियों को बाद में ट्रेन से उतार कर रेलवे ट्रैक के रास्ते स्टेशन तक पहुंचाया गया। अड्डे से विमान सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई।
रास्ते से पेड़ हटाने में जुटे निगम के कर्मचारी
कोलकाता नगर निगम ने मलबे की सफाई के लिए एक आपदा प्रबंधन टीम को सक्रिय कर दिया है। देर रात तक रास्ते से पेड़ों को हटाने का काम चलता रहा। बुधवार सुबह से भी यह काम जारी है। अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शहर के कई हिस्सों से बिजली के कारण आग लगने की सूचनाएं मिली हैं। उन्होंने कहा कि आंधी के दौरान शॉर्ट सर्किट के कारण न्यू मार्केट पुलिस थाने में अंधेरा छा गया।