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योजना आयोग को खत्म करने के प्रयास का विरोध करेगी तृणमूल

By Edited By: Published: Mon, 18 Aug 2014 05:17 AM (IST)Updated: Mon, 18 Aug 2014 01:21 AM (IST)
योजना आयोग को खत्म करने के प्रयास का विरोध करेगी तृणमूल

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योजना आयोग को खत्म करने के प्रस्ताव पर तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी आपत्तिजतायी है। लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आजादी से पहले 1938 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने योजना आयोग की परिकल्पना की थी। बाद में उस पर सहमति बनी और प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर नेहरू के समय से ही लागू कर दिया गया। सभी राज्यों व देश के विकास में योजना आयोग की अहम भूमिका है। लेकिन अचानक प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से घोषणा कर दी वह योजना आयोग को खत्म कर देंगे।

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बंद्योपाध्याय ने कहा कि योजना आयोग को खत्म करने के प्रधानमंत्री के प्रस्ताव से तृणमूल कांग्रेस सहमत नहीं है। तृणमूल कांग्रेस प्रधानमंत्री के इस निर्णय को पुरजोर विरोध करेगी। हाल ही में संसद की कार्यवाही संपन्न हुई। योजना आयोग की अनिवार्यता खत्म करने पर संसद में कभी भी चर्चा नहीं हुई। प्रधानमंत्री ने किसी राजनीतिक दल से भी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की है।

अक्सर राज्यों के मुख्यमंत्री अपनी वित्ताीय जरूरतों पर योजना आयोग को प्रस्ताव भेजते हैं। योजना आयोग राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्ता मंत्रियों के साथ बैठ कर विचार-विमर्श करता है। उसके बाद राज्यों की वित्ताीय जरूरतों के मुताबिक योजना आयोग की सिफारिश पर राज्यों के लिए फंड आवंटित किया जाता है। देश के संघीय ढांचा को मजबूत बनाने में योजना आयोग की अहम भूमिका है। लंबे समय से एक अहम संस्था को अचानक खत्म करने के प्रधानमंत्री का निर्णय का चौतरफा विरोध होगा। तृणमूल कांग्रेस लोकसभा के अगले सत्र में यह मुद्दा उठाएगी और अपना विरोध दर्ज करेगी।

बंद्योपाध्याय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अचानक स्वतंत्रता दिवस पर इस तरह की घोषणा कर दी जो स्वीकार्य योग्य नही है। तृणमूल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के इस प्रस्ताव का विरोध करने का निर्णय किया है। उम्मीद है कि देश की जनता भी तृणमूल कांग्रेस के विचार से सहमत होगी।


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