टीएमसी का फिर रणनीति बदलने पर जोर
पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत राजनीतिक हलकों में शासक दल टीएमसी
जागरण संवाददाता, खड़गपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत राजनीतिक हलकों में शासक दल टीएमसी के भीतर एक बार फिर रणनीति बदलने की खदबदाहट महसूस की जा रही है। बताया जाता है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दलीय नेतृत्व एक बार फिर रणनीति बदलने पर विचार कर रहा है।
2017 के अंतिम महीनों में टीएमसी ने अचानक नेतृत्व परिवर्तन करते हुए चूड़ामणि महतो के बजाय अजीत माईती को पार्टी की जिला समिति का अध्यक्ष मनोनीत कर दिया था। इससे अटकलें लगनी लगी थी कि जंगल महल के वर्तमान नेतृत्व से टीएमसी हाईकमान नाराज है और नए चेहरों पर दांव खेलने की कोशिश में है। पंचायत चुनाव में भाजपा की उम्मीद से ज्यादा प्रदर्शन ने टीएमसी नेतृत्व की ¨चताएं बढ़ा दी है। ऐसे में पार्टी एक धड़ा स्थानीय नेताओं के बजाय कार्यवाहक नेताओं से संगठन चलाने की कोशिश को खतरनाक मान रहा है। लिहाजा ऐसी अटकलें हैं कि जंगल महल के मामले में पार्टी जल्द ही अपनी रणनीति बदल सकती है। जिसके तहत स्थानीय भूमिपुत्रों को ही पार्टी की कमान सौंपी जाएगी। जो भाजपा का दमखम के साथ मुकाबला कर सके। इस बाबत 21 जुलाई के बाद ही फैसला हो जाने की उम्मीद है। हालांकि टीएमसी जिलाध्यक्ष अजीत माईती ने इसे उच्च स्तरीय मामला बताते हुए कुछ भी कहने से यह कहते हुए मना कर दिया कि इस बाबत हाईकमान ही अंतिम फैसला लेगा। इस पर अटकलबाजियों का कोई तुक नहीं है।