युवाओं पर छाया परवीन सुल्ताना की आवाज का जादू
सुरेन्द्र प्रसाद, जागरण संवाददाता : आइआइटी खड़गपुर में कला-संस्कृति पर आधारित अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन इ
सुरेन्द्र प्रसाद, जागरण संवाददाता : आइआइटी खड़गपुर में कला-संस्कृति पर आधारित अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन इंटकॉन-18 की दूसरी शाम ¨हदुस्तानी शास्त्रीय संगीत जगत की उच्च कोटि की गायिका बेगम परवीन सुल्ताना एवं मोहन वीणा के अविष्कारक पं. विश्व मोहन भट्ट के नाम रही। ज्ञात हो कि विगत 3 जून से स्पिक मैके द्वारा आयोजित छठे अंततराष्ट्रीय अधिवेशन में भारतीय शास्त्रीय संगीत जगत के नामचीन कलाकार अपना योगदान दे रहे हैं। लोकप्रिय अखबार दैनिक जागरण भी इस समारोह में ¨हदी मीडिया पार्टनर की भूमिका में है।
सोमवार की शाम को बेगम परवीन सुल्ताना की महकती आवाज का जादू युवा श्रोताओं पर छा गया। ठुमरी, भजन एवं राग भैरवी प्रस्तुत कर उन्होंने सबका मन मोह लिया। बेगम परवीन सुल्ताना ने कंसर्ट की शुरुआत ऋंगार रस से परिपूर्ण राग मधुवंती से की। Þमन नाहीं लागे..'व Þघूंघट मत खोल..'ने श्रोताओं पर गहरा प्रभाव डाला। उसके उपरांत उस्ताद दिलशाद खान साहब द्वारा कंपोज की गई तराना की प्रस्तुति अपनी तेजस्वी आवाज में की, जिसका आनंद उठाते हुए श्रोता भी कुछ क्षणों के लिए मंत्र मुग्ध हो गए। उनकी आवाज का जादू यहीं नहीं थमा। तराना के बाद उन्होंने राग मिश्र पहाड़ी में ठुमरी गाकर झूमने पर मजबूर कर दिया। प्रसिद्ध ठुमरी Þकौन गली गयो श्याम..'की भावपूर्ण प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया। अंत में श्रोताओं की फरमाइश पर बारी आई प्रसिद्ध भजन Þभवानी दयानी.'की। उन्होंने जिस भापपूर्ण अंदाज में इस भजन की प्रस्तुति की, वह अद्वितीय एवं अविस्मरणीय रहा।
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पं. विश्व मोहन भट्ट की मोहन वीणा की झंकार से झूम उठा कालीदास ऑडिटोरियम
मोहन वीणा के जनक एवं ग्रैमी अवार्ड विजेता पं. विश्व मोहन भट्ट ने अपने अनूठे अंदाज में मोहन वीणा की झंकार से प्रेक्षागृह में उपस्थित संगीत प्रेमियों का तन-मन झंकृत कर दिया। पद्म भूषण व पद्मश्री से सम्मानित पं. विश्व मोहन भट्ट ने मोहन वीणा के रूप में भारतीय एवं पाश्चात्य शास्त्रीय संगीत के अनूठे सम्मिश्रण को संगीत जगत को भेंट किया। रविवार की शाम को आइआइटी खड़गपुर में स्पिक मैके द्वारा आयोजित छठें अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन में कंसर्ट के दौरान अपनी मोहन वीणा की तरंगों से श्रोताओं को झूमने को मजबूर कर दिया। मोहन वीणा की खास प्रस्तुति पर युवा श्रोता वाह-वाह कर उठे। Þए मी¨टग बाई द रीवर'-नदी द्वारा एक बैठक, (जिसके लिए उन्हें ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित किया गया) की प्रस्तुति ने सबको रोमांचित किया। इस प्रस्तुति से पूरा हॉल तालियों की गूंज से भर गया। इससे पूर्व उन्होंने राग मारू बिहाग- केसरिया बालम आदि संगीत प्रस्तुत कर कंसर्ट को यादगार बना दिया।