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यूएसए से भारत आने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट

आइआइटी खड़गपुर और यूनाइटेड स्टेट्स- इंडियन एडुकेशनल फाउं

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 06:33 PM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 06:20 AM (IST)
यूएसए से भारत आने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट

सुरेन्द्र प्रसाद, खड़गपुर : आइआइटी खड़गपुर और यूनाइटेड स्टेट्स- इंडियन एडुकेशनल फाउंडेशन (यूएसआइइएफ) ने संयुक्त कार्यशाला के माध्यम से पूर्वी भारत के शीर्ष विश्वविद्यालयों में अध्ययन करने के लिए विदेशी छात्रों की रुचि बढ़ाने की कवायद शुरू की है। यूएसआइइएफ का कार्य विद्वानों, पेशेवरों और छात्रों के शैक्षिक आदान-प्रदान के माध्यम से भारत और अमेरिका के नागरिकों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देना है।

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आइआइटी खड़गपुर में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में यूएसआइइएफ की उप निदेशक डॉ. दीया दत्त ने कहा कि हाल ही में हमने यूएसए से भारत आने वाले छात्रों में लगभग 15 फीसद की गिरावट देखी है। दीया ने कहा कि हम भारत के शीर्ष विश्वविद्यालयों में विदेशी छात्रों की रुचि बढ़ाने और इस अंतर को पाटने की कोशिश कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि संगठन फुलब्राइट, फुलब्राइट नेहरू और अन्य प्रतिष्ठित अनुदान और छात्रवृत्ति प्रदान कर रहा है। लगभग हर शैक्षणिक सत्र में नेहरू चेयर्स को अमेरिकी विश्वविद्यालयों में स्थापित करने का निर्णय लिया गया है, ताकि न केवल शिक्षा के भीतर बातचीत बढ़े, बल्कि बड़े पैमाने पर समुदाय के साथ जुड़ाव की भी पुष्टि हो सके।

आइआइटी खड़गपुर के डीन, इंटरनेशनल रिलेशंस बैदुर्य भट्टाचार्य ने कहा कि जब हम राष्ट्र और समाज की सेवा कर रहे हैं, तो यह हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम अपने साथियों के साथ खुल कर मिलें और उनके साथ सीखने-सिखाने और अंतर्राष्ट्रीयकरण पर अनुभव साझा करें। भट्टाचर्य ने इस बात पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अपनी सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता के साथ पूर्वी भारत में न केवल शेष भारत में बल्कि पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र के विदेशी छात्रों के लिए एक पसंदीदा स्थान बनने की जबरदस्त क्षमता है। सबसे अच्छा हिस्सा यहां के विश्वविद्यालय हैं, जो उच्च गुणवत्ता वाली उच्च शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, जो इन विदेशी छात्रों को चाहिए। कार्यशाला में प्रवेश से संबंधित छात्र सुविधा, डिग्री पाठ्यक्रमों, वीजा, मंजूरी, बीमा आदि की शर्तों और विदेशी विश्वविद्यालयों, संस्थागत रैंकिग और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड आउटरीच गतिविधियों के साथ समझौतों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। प्रतिभागियों में एक्सएलआरआइ जमशेदपुर, पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय, प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, जादवपुर विश्वविद्यालय, आइआइएसइआर कल्याणी सहित पूर्वी भारत के अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय शामिल हुए। कार्यशाला में भाग लेने वालों में एक्सएलआरआइ जमशेदपुर के डीन एकेडमिक्स डॉ. आशीष के. पाणि व एक्सएलआरआइ जमशेदपुर के संकाय और पूर्व नेहरू फुलब्राइट फेलो डॉ. परमज्योत सिंह ने कहा कि ये कार्यशालाएं ज्ञान के बंटवारे, सहयोग और आपसी समझ के लिए एक शानदार अवसर पैदा करता है।


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