पूर्व विधायक डॉ. दलोई का निधन
पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत केशपुर के पूर्व कांग्रेस विधायक व वरिष्ठ
संवाद सूत्र, मेदिनीपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत केशपुर के पूर्व कांग्रेस विधायक व वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. रजनीकांत दलोई का रविवार की सुबह हृदय गति रुकने से रवींद्र नगर स्थित एक नर्सिग होम में निधन हो गया। लगभग 79 वर्षीय डॉ. दलोई के निधन से मेदिनीपुर व केशपुर सहित पूरे जिले में शोक की लहर छा गई। डॉ. दलाई अपने पत्नी, पुत्र समेत भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके निधन की सूचना मिलते ही अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा।
डॉ. दलाई की शोकाकुल बहन नियति दलबेरा ने बताया कि तड़के लगभग 3.30 बजे उनके सीने में अचानक जोरों का दर्द उत्पन्न हो गया। परिजनों ने उन्हें रवींद्रनगर स्थित एक नर्सिग होम में भर्ती कराया, जो इलाज के क्रम में सुबह लगभग 8.30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी मृत्यु की सूचना मिलते ही परिजनों एवं शुभ¨चतकों में शोक की लहर छा गई। डॉ. दलोई क्रीड़ा के पाíथव शरीर को नर्सिग होम से रवींद्रनगर स्थित उनके निवास स्थल पर ले जाया गया। चूंकि डॉ. दलोई क्रीड़ा प्रेमी भी थे, तो कुछ देर बाद उनके पाíथव शरीर को अर¨वद स्टेडियम ले जाया गया, जहां लोगों ने अपने नेता को भावभीनी श्रद्धांजलि अíपत की। वहां से पाíथव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए कांग्रेस कार्यालय ले जाया गया। वहां भी लोगों ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अíपत की। तत्पश्चात परिजन उनके पाíथव शरीर को मेदिनीपुर कॉलेज, तृणमूल कांग्रेस कार्यालय व नजरगंज स्थित वृद्धाश्रम लेकर पहुंचे। इन स्थानों पर श्रद्धांजलि अíपत करने के पश्चात उनकी अंतिम यात्रा केशपुर की ओर रवाना हो गई, जहां केशपुर कॉलेज व कांग्रेस कार्यालय में श्रद्धांजलि अíपत करने के पश्चात पाíथव देह को कल्याणपुर स्थित उनके पैतृक निवास ले जाया गया, जहां उनकी अंतिक क्रिया संपन्न हुई। लोगों ने अश्रुपूरित नेत्रों से अपने प्रिय नेता, समाजसेवी व क्रीड़ा प्रेमी को अंतिम विदाई दी।
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केशपुर से कई बार विधायक के तौर पर चुने गए डॉ. दलोई
डॉ. रजनीकांत दलोई की बहन नियति दलबेरा ने बताया कि डॉ. दलोई का जन्म केशपुर प्रखंड के कल्याणपुर गांव में 1940 को हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा मेदिनीपुर में संपन्न हुई। कॉलेज में दाखिला लेने के पश्चात वे छात्र राजनीति में उतर गए थे, वहीं से उनकी राजनैतिक करियर की शुरुआत हुई। सक्रिय राजनीति में प्रवेश के पश्चात 1967 में वे पहली बार कांग्रेस के विधायक के तौर पर केशपुर से चुने गए। 1967-71, 1971-72, 1972-77 तक वे विधायक के तौर पर चुने जाते रहे, वहीं 1977-82 तक वे विधायक के साथ-साथ विधानसभा में विरोधी दल के नेता के रूप में भी सक्रिय रहे।