विप्लव के नाम पर भाकपा के पुराने नेताओं में नाराजगी
2014 के पहले तक मेदिनीपुर संसदीय सीट वाममोर्चा का मजबूत किला था
विजय शंकर वर्मा, खड़गपुर : 2014 के पहले तक मेदिनीपुर संसदीय सीट वाममोर्चा का मजबूत किला था। वाममोर्चा के सहयोगी घटक राजनीतिक दलों में से भाकपा के उम्मीदवार इस सीट पर विजयी होते आए हैं, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने मेदिनीपुर संसदीय सीट को वामो से छीन लिया। अब इस लोकसभा चुनाव में इस सीट से वाममोर्चा द्वारा भाकपा नेता विप्लव भट्ट को संभावित उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा सुनाई पड़ रही है।
विप्लव भट्ट खड़गपुर के निवासी हैं। इसके अलावा भट्ट भाकपा की सहयोगी मजदूर संगठन ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के पश्चिम मेदिनीपुर जिला कमेटी के सचिव भी हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि विप्लव के नाम को लेकर भाकपा के कई पुराने नेताओं में नाराजगी व्याप्त है। विप्लव को उम्मीदवार बनाए जाने पर नाराज कुछ नेता सामूहिक रूप से दल से त्याग पत्र भी देने की तैयारी कर रहे हैं। नाराज नेताओं का तर्क है कि भट्ट का अपना कोई खास जनाधार नहीं है। उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने पर भाकपा को नुकसान होने की संभावना है। इधर Þदैनिक जागरण'से बात करते हुए भट्ट ने कहा कि यदि वाममोर्चा की ओर से उन्हें उम्मीदवार बनने का निर्देश दिया जाएगा, तो वे अवश्य ही उम्मीदवार बनेंगे। स्थानीय भाकपा नेताओं में वी. शेषगिरि राव ने विप्लव के संभावित नाम को लेकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भट्ट सक्रिय मजदूर नेता हैं। यदि वामो भट्ट को उम्मीदवार बनाती है, तो उन्हें प्रसन्नता होगी। वहीं भाकपा की खड़गपुर (पूर्व) लोकल कमेटी के सचिव असित बसाक ने कहा कि वाममोर्चा की ओर से अभी तक उम्मीदवारों के नाम की अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। उम्मीदवार के नाम की घोषणा होने के बाद ही हमलोग कुछ निर्णय लेंगे।