बिन्नागुड़ी मे दो तेज रफ्तार स्कूली वाहनों की टक्कर, दुर्घटना में चार छात्र घायल
रफ्तार की होड़ में छोटी गाड़ी और स्कूल बस की टक्कर में चार छात्र घायल हो गये। यह घटना मंगलवार सुबह बानरहाट ब्लॉक के बिन्नागुरी चौपाटी इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग पर घटी। उसी समय एक अन्य स्कूल बस ने पीछे से उस गाड़ी को टक्कर मार दी।
बिन्नागुड़ी, संवादसूत्र। रफ्तार की होड़ में छोटी गाड़ी और स्कूल बस की टक्कर में चार छात्र घायल हो गये। यह घटना मंगलवार सुबह बानरहाट ब्लॉक के बिन्नागुरी चौपाटी इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग पर घटी। उसी समय एक अन्य स्कूल बस ने पीछे से छोटी गाड़ी को टक्कर मार दी। बस की टक्कर से छोटी गाड़ी में सवार चार छात्र घायल हो गए। हादसे की सूचना मिलने के बाद बिन्नागुड़ी फाड़ी पुलिस मौके पर पहुंची। घायल छात्रों में से दो को अधिक चोट लगी थी, इसलिए उन्हें बानरहाट स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। अन्य दो को मामूली चोटें आईं और स्थानीय स्तर पर उनका इलाज किया गया।
छोटी गाड़ी में 15 और स्कूल बस में 28 स्कूली बच्चे सवार थे। ये सभी बिन्नागुरी केंद्रीय विद्यालय 1 और केंद्रीय विद्यालय 2 के छात्र थे। सुबह हुए इस हादसे से माता-पिता और स्थानीय लोग सहमे हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर आज कोई बड़ा हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। उन्होंने मांग की कि स्कूली छात्रों के बसों की गति की निगरानी और नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। हालाकि बस चालक राम कुमार ने दावा किया कि वह हमेशा की तरह सावधानी से छात्रों को स्कूल ले जा रहे थे।
बिन्नागुड़ी निवासी गौतम राउत ने कहा कि सुबह स्कूल जाते समय और स्कूल की छुट्टियों के दौरान, छोटे गाड़ी, टोटो और छोटी बसें अतिरिक्त लाभ की उम्मीद में ड्राइव करते हैं। उस समय वे जिस रफ्तार से ड्राइव करते हैं, वह वास्तव में खतरनाक है। पुलिस-प्रशासन को स्कूल खुलने और स्कूल की छुट्टियों के दौरान स्कूल बसों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है। घायल छात्र के माता-पिता दीपक महली ने कहा कि हमेशा की तरह आज मैं अपने बेटे को गाड़ी में बिठाक आश्वस्त को कर आ गया। लेकिन मैं आज की घटना से चिंतित हूं। मुझे नहीं पता कि स्कूल भेजने के लिए क्या करना है। बिन्नागुड़ी पुलिस चौकी के ओसी कुसाग टी लेप्चा ने बताया कि दुर्घटना में शामिल दोनों वाहनों को जब्त किया गया है। वहीं बस चालक को गिरफ्तार कर घटना की जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि, माता-पिता को इसके बारे में अधिक जागरूक होना चाहिए।