बोनस को लेकर बागान श्रमिकों में दिखी एकजुटता
संवादसूत्र चामुर्ची दुर्गापूजा आने में महज कुछ दिन ही रह गए है। पूजा से पहले चाय बागानों में का
संवादसूत्र, चामुर्ची : दुर्गापूजा आने में महज कुछ दिन ही रह गए है। पूजा से पहले चाय बागानों में कार्यरत श्रमिकों को बोनस दिए जाने का चलन है। पूजा बोनस को लेकर श्रमिक काफी उत्साहित रहते है। इस बार पूजा बोनस को लेकर मालिक पक्ष एवं श्रमिक संगठन के बीच मीटिंग में बोनस को लेकर अंतिम फैसला अभी तक नहीं निकलने से चाय श्रमिकों में काफी निराशा देखी जा रही है। पुन: 22 सितंबर को बोनस को लेकर मालिक पक्ष एवं श्रमिक संगठनों के बीच बैठक निर्धारण की गई है। इस बैठक को लेकर चाय श्रमिक काफी आश्वस्त है कि उन्हें बीस प्रतिशत बोनस अवश्य मिलेगा। सोमवार सुबह ज्वांइट फोरम की ओर से चाय बागान में बीस फीसदी बोनस की माग को लेकर गेट मीटिंग की गई। इस गेट मीटिंग में काफी संख्या में श्रमिकों की उपस्थिति भी देखी गई। न्यूडुवार्स चाय बागान के महिला श्रमिक असरिता तिर्की ने बताया इस महंगाई के जमाने में बीस बोनस भी काफी कम है। फिर भी हम लोग मालिक पक्ष से आग्रह करते हैं बीस प्रतिशत से कम बोनस हमे न दिया जाए, क्योंकि इस बोनस के रुपए से ही हुए लोग बच्चों के कपड़े, जूते एवं पूजा के उत्सव को परिवार के साथ खुशियाली के साथ मनाते हैं। वैसे भी चाय बागानों में कार्यरत श्रमिकों एवं कर्मचारियों की मजदूरी काफी कम है। दुर्गापूजा से मिलने वाले बोनस से उन्हें काफी आशा रहती है कि इस बोनस के रुपए से कम से कम साल में एक बार अपने बच्चों एवं अपने परिवार के लोगों को नए कपड़े खरीद कर दे सके। वही महेश्वर कामी, अमित हेम्ब्रम, गणेश कामी एवं संजय ठाकुर ने बताया हम लोग चाय बागान के मालिक एवं कंपनी को अच्छा मुनाफा कमा कर देते हैं फिर भी हमें बोनस को लेकर प्रत्येक वर्ष आनाकानी करते हैं। हम लोग मालिकवर्ग एवं कंपनी से बीस प्रतिशत बोनस की अपेक्षा रखते हैं। बीस प्रतिशत से कम बोनस को हम लोग किसी भी हालत में हरगिज नही मानेंगे। श्रमिक संगठन के नेता जिया आलम ने बताया हम लोग पूरी तरह प्रयास में है कि इस बार श्रमिको को बीस प्रतिशत बोनस मिले। मालिक पक्ष द्वारा श्रमिकों के हक एवं अधिकार का हनन किया जाना काफी दु:ख का विषय है। श्रमिकों के हरेक आदोलन में हमलोग श्रमिकों साथ खड़े हैं। बोनस को लेकर चाय बागानों की सभी श्रमिक एकजुट है ताकि उन्हें अपने मेहनत एवं परिश्रम का उचित बोनस एवं मजदूरी मिले।