स्वप्ना को खेल के लिए जूता देना पड़ता था ऑर्डर
जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: किसी की मृत्यु के बाद उनकी पैरों के छाप को घर में रखा जात
जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: किसी की मृत्यु के बाद उनकी पैरों के छाप को घर में रखा जाता है। लेकिन स्वप्ना की मां अपनी बेटी के पैरों की निशान को दीवार पर लगा कर रखी है। दो पैरों में 12 अंगुली होने के चलते जूता आर्डर देकर बनाना पड़ता था। एशियन गेम्स में स्वप्ना बर्मन के सोना जीतने के बाद से ही पूरे देश के साथ जलपाईगुड़ी में भी लोगों में उत्साह का माहौल है। लेकिन इसमें अधिकांश लोगों को ही ये पता नहीं है कि स्वप्ना के पैरों में 12 अंगुलियां है। उसके खेलकूद के जूता खरीदने के लिए मां बासना बर्मन घर-घर भटकती थी। स्वप्ना का जूता बनाने के लिए काफी खर्च आता था। बासना देवी ने घर से सटे काली मंदिर के पास ही बेटी के पैरों को निशान को दीवार पर लगा कर रखी है। उनकी माने तो स्वप्ना खेल के लिए अधिकांश समय घर से बाहर ही रहती है। यही कारण है कि उसकी पैरों के निशान को रखी हुई है। मां के लिए वह स्मृति चिन्ह के समान है। स्वप्ना के भाई असित बर्मन ने कहा कि बहन ने बड़ी समस्याओं का सामना करते हुए इस मुकाम तक पहुंची है।