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पूजा से एक दिन पहले साइली चाय बागान बंद, श्रमिक मायूस

- बोनस को लेकर मालिक व श्रमिकों के बीच चल रहा था विवाद -महिला श्रमिकों के आंदोलन से न

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 04:56 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 06:35 AM (IST)
पूजा से एक दिन पहले साइली चाय बागान बंद, श्रमिक मायूस
पूजा से एक दिन पहले साइली चाय बागान बंद, श्रमिक मायूस

- बोनस को लेकर मालिक व श्रमिकों के बीच चल रहा था विवाद

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-महिला श्रमिकों के आंदोलन से नाराज होकर मालिकों ने बागान छोड़ा

संवाद सूत्र, मालबाजार: पूजा बोनस की आस में बैठे श्रमिकों को बड़ा झटका लगा है। दुर्गापूजा से ठीक एक दिन पहले गुरुवार को मालबाजार स्थित साइली चाय बगान बंद हो गया। अशांति का आरोप लगाकर मालिक पक्ष बागान छोड़कर चले गए हैं। अचानक बागान बंद होने से यहां काम करने के वाले करीब 1500 से अधिक श्रमिक व कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। गुरुवार सुबह को जब श्रमिक साइली चाय बगान पहुंचे तो गेट पर सस्पेंशन ऑफ वर्कस का नोटिस लगा हुआ था। माना जा रहे है कि बोनस को लेकर मालिक व श्रमिकों के बीच चल रहे अशांति के कारण ही लॉक आउट नोटिस लटकाया गया है। प्रशासन की ओर से जल्द बैठक कर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया गया है।

जानकारी के अनुसार पिछले कई दिनों से बोनस को लेकर साइली चाय बागान में विवाद चल रहा था। प्रशासन की ओर से त्रिपक्षीय बैठक करने के बाद भी कोई निर्णय नहीं निकाला जा सका। इसके बाद गत मंगलवार को स्थानीय स्तर पर द्विपक्षीय बैठक कर 14 फीसद बोनस देने का प्रस्ताव रखा गया। लेकिन इसके बाद भी समस्या जस की तस बनी रही। बुधवार को महिला श्रमिकों ने बागान गेट के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। बागान मैनेजर बंसत कुमार प्रधान ने कहा कि श्रमिकों के प्रदर्शन के कारण मालिक पक्ष व अन्य कर्मचारियों को सुबह साढ़े सात बजे से शाम पांच बजे तक कार्यालय में ही रहना पड़ा। काम भी नहीं हुआ। उनलोगों ने चर्चा के माध्यम से बोनस की समस्या का हल निकालने की कोशिश की लेकिन श्रमिकों को उनका प्रस्ताव स्वीकार नहीं था। इसलिये बागान में शांति श्रृंखला बनाए रखने के लिए सस्पेंशन ऑफ वर्कस का नोटिस लगाया गया है। मालिक पक्ष के आइपीटीए के संयोजक अमितांशु चक्रवर्ती ने कहा कि श्रमिक नेताओं के साथ चर्चा के बाद ही 14 फीसद बोनस का फैसला लिया गया था। अगर ये भी श्रमिकों को स्वीकार्य नहीं है तो कुछ नहीं किया जा सकता है।

इधर, गुरुवार सुबह को जब श्रमिक साइली चाय बागान पहुंचे तो बागान गेट पर सस्पेंशन ऑफ वर्कस का नोटिस देखकर आक्रोशित हो गए। रूथ टोपेना, विजिता केरकेटा, विमला छेत्री ने कहा कि इस बार 18.5 फीसद बोनस देने का फैसला लिया गया था लेकिन उनलोगों मालिक पक्ष उक्त परिमाण में बोनस नहीं देना चाह रहे हैं। जबकि पिछले वर्ष यहां के श्रमिकों को 16 फीसद बोनस मिला था, परंतु इस बार 14 फीसद बोनस देने का फैसला लिया गया है। इस कारण उनलोगों ने बुधवार को आंदोलन शुरू किया। जो बिल्कुल शांतिपूर्वक था। बोनस लेकर भी दुबारा चर्चा को तैयार थे, लेकिन इससे पहले ही अचानक मालिक बागान पर नोटिस चस्पा कर चले गए।

बागान बंद होने को लेकर चाय बागान तृणमूल कांग्रेस मजदूर यूनियन हबीब खान ने कहा कि बागान के संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बोनस को लेकर चर्चा हुई थी। इसमें 14 फीसद बोनस का फैसला लिया गया, लेकिन श्रमिकों का एक तबका इससे मानने से इंकार कर रहे थे। श्रमिकों के आंदोलन के कारण मालिक पक्ष बुधवार रात को ही बागान छोड़कर चले गए। वे लोग चाहते है कि पूजा के दौरान कोई मायूस न रहे, इसलिये मालिक पक्ष को जल्द चर्चा कर बागान खुलवाने का प्रबंध करना चाहिए। भाजपा समर्थित भारतीय टी वर्कर्स यूनियन के केंद्रीय कमेटी के महासचिव महेश बागे ने कहा कि इस प्रकार बागान बंद करने का फैसला सही नहीं है। दूसरी ओर प्रशासन भी साइली चाय बागान पर निगरानी रख रही है। सहकारी श्रम कमिश्नर चिउनंग शेरपा ने कहा कि त्रिपक्षीय बैठक बुलाकर समस्या का हल निकालने की कोशिश की जाएगी।


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