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पटना का कुख्यात अपराधी उदय यादव एनजेपी से गिरफ्तार, शराब माफिया के साथ सुपारी किलर है ये

West bengal Crime बिहार के पटना में अपराध का पर्याय बना उदय यादव को गुप्त सूचना के आधार पर एनजेपी के घोड़ामोड़ से बिहार व बंगाल पुलिस ने गुरुवार तड़के गिरफ्तार कर लिया है। 

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 04:51 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 04:51 PM (IST)
पटना का कुख्यात अपराधी उदय यादव एनजेपी से गिरफ्तार, शराब माफिया के साथ सुपारी किलर है ये

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : बिहार के पटना में अपराध का पर्याय बना उदय यादव को गुप्त सूचना के आधार पर एनजेपी के घोड़ामोड़ से बिहार व बंगाल पुलिस ने गुरुवार तड़के गिरफ्तार कर लिया है। शराब माफिया व सुपारी किलर उदय यादव को जलपाईगुड़ी कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर बिहार पुलिस उसे अपने साथ ले जाएगी। बिहार पुलिस को उदय यादव को कई आपराधिक मामले में काफी समय से तलाश थी। ट्रांजिट रिमांड पर बिहार पुलिस को उदय के माध्यम से कई हत्या, लूट, डाका समेत अन्य अपराध का खुलासा होने की उम्मीद है। 

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पूछताछ में सामने आया उदय यादव का नाम

बताया जाता है कि पटना में शराब की बढ़ती तस्करी, अपराध में बढ़ोत्तरी के साथ कई अपराधियों की पूछताछ में उदय यादव का नाम सामने आया। पटना पुलिस और आरपीएफ से मुठभेड़ में वह कई बार भाग भी चुका है। पेशेवर अपराधी रहा यादव एनजेपी के फुलबाड़ी क्षेत्र ट्रक के खलासी के रूप में खुद को बचाने में लगा था। उदय यादव पैसा लेकर अपराध व खून, अपहरण जैसे घटना को अंजाम देने में माहिर हो गया। 

संयुक्त अभियान में उसे गोदाम से धर दबोचा

कई बार वह पहले भी जेल भेजा जा चुका है। जेल से रिहा होने के बाद ही वह घटना को अंजाम देने से पीछे नही हटता था। पुलिस की सख्ती  के बाद वह बिहार से पिछले कुछ दिनों से फरार हो गया था। लोकेशन की तलाश मिलने पर बिहार पुलिस ने सिलीगुड़ी पुलिस कमिशनरेट के अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर संयुक्त अभियान में उसे गोदाम से धर दबोचा। 

बिहार में बड़ी मात्रा में विदेशी शराब की तस्करी 

पुलिस को आशंका है कि वह यहां रहकर बड़ी मात्रा में विदेशी शराब की तस्करी बिहार करवा रहा था। इसके लिए यह क्षेत्र को उसने सबसे ज्यादा सुरक्षित मान रहा था। इसके सहारे कई राज से पर्दा उठेगा। पुलिस यह भी पता लगाएगी की वह यहां किसके संपर्क से यहां ठहरा हुआ था। इसके पीछे एनजेपी सिंडिकेट या ट्रक सिंडिकेट का संरक्षण तो प्राप्त नहीं था ?। 


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