Move to Jagran APP

मनरेगा में काम नहीं मिलने से वापस लौटने लगे प्रवासी मजदूर

- काम कम मिलने से परिवार चलाने में श्रमिकों को हो रही परेशानी - प्रशासन का दावा इस वर्ष स

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 05:58 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 05:58 PM (IST)
मनरेगा में काम नहीं मिलने से वापस लौटने लगे प्रवासी मजदूर
मनरेगा में काम नहीं मिलने से वापस लौटने लगे प्रवासी मजदूर

- काम कम मिलने से परिवार चलाने में श्रमिकों को हो रही परेशानी

loksabha election banner

- प्रशासन का दावा इस वर्ष सबसे अधिक दिया गया काम

जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: मनरेगा के तहत काम नहीं मिल रहा है, इसलिये रोजगार की तलाश में प्रवासी मजदूर वापस दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं। लॉकडाउन के चलते श्रमिक वापस लौट आए थे, लेकिन पर्याप्त सरकारी सुविधा नहीं मिलने के कारण फिर वापस लौटने लगे हैं। उक्त आरोप प्रवासी मजदूर और उनके परिवारों का है। सरकारी घोषणा के बावजूद उनलोगों को सभी जगह काम नहीं मिल रहा है। जलपाईगुड़ी सदर ब्लॉक के विवेकानंद पाड़ा बूथ में जाकर देखा गया कि अगस्त महीने में प्रत्येक परिवार से एक सदस्य को 14 दिनों के लिए काम दिया गया था। फिर दिसंबर महीने में 14 दिनों के लिए काम दिया गया। इन हालातों में परिवार चला पाना काफी मुश्किल है।

जलपाईगुड़ी जिला मनरेगा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के बाद 2416 लोगों को जॉब कार्ड दिया गया था। 7873 प्रवासी श्रमिकों को काम दिया गया। फलस्वरूप 1974 परिवारों को लाभ मिला है। जिले में कुल 4 लाख 40 हजार 888 लोगों को काम दिया गया है। लॉकडाउन के बाद जिले में प्रति परिवार को 42.98 फीसद काम मिला है। जो गत वर्ष मात्र 28.88 फीसद रहा था। जलपाईगुड़ी जिले में इस वर्ष अप्रैल महीने से 28 दिसंबर तक 3 लाख 12 हजार 822 परिवारों को काम मिला है। काम में कुल 1 करोड़ 34 लाख 46 हजार 582 रुपये खर्च किया जा चुका है।

जलपाईगुड़ी जिले में धुपगुड़ी में 2141303 , जलपाईगुड़ी में 2452309 , मालबाजार में 2200503, मेटली में 1042760, मयनागुड़ी में 2186921, नागराकाटा में 1211536, राजगंज में 2211202 श्रमिकों को काम दिया गया है। सबसे अधिक काम नागराकाटा ब्लॉक में 51.38 फीसद हुआ है।

विवेकानंद पाड़ा बूथ के पंचायत सदस्य दीपाली विश्वास ने कहा कि काम मांगने पर भी काम नहीं मिला। इसलिये सभी को काम नहीं दिया जा सका। काफी मजदूर दूसरे राज्यों से अपने घर आए थे। कुछ अभी भी काम कर रहे हैं, लेकिन वे लोग भी लौट जाएंगे। सजल मंडल नामक एक श्रमिक ने कहा कि वह सिक्किम में ओवरलोडिंग का काम करते थे। लॉकडाउन में घर आए। लेकिन उन्हें अक्टूबर महीने में 14 दिन और दिसंबर महीने में 14 दिन का काम ही मिला। इस काम से परिवार चलाना संभव नहीं है। यहां प्रतिदिन 200 रुपये दिया जा रहा है। वहीं सिक्किम में उन्हें प्रतिदिन का 600 रुपये मिलेगा। मनरेगा काम के स्थानीय सुपर वाइजर रूप कुमार व्यापारी ने कहा कि उनलोगों को सटीक तरीके से काम नहीं मिल रहा है। इसलिये वे लोग सभी को काम नहीं दे पा रहे हैं। वहीं जलपाईगुड़ी जिला परिषद के जिला सभाधिपति दुलाल देवनाथ ने कहा कि इस बार जिले में मनरेगा के तहत अच्छा काम हुआ है। प्रवासी श्रमिकों को भी काम मिला है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.