चाय श्रमिकों की समस्याओं को लेकर सीएम को पत्र
- पीपीपी की बैठक में न्यूनतम मजदूरी समेत कई विषयों पर हुई चर्चा संवाद सूत्र नागराकाटा
- पीपीपी की बैठक में न्यूनतम मजदूरी समेत कई विषयों पर हुई चर्चा
संवाद सूत्र, नागराकाटा: चाय श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी के अंतर्गत लाने के लिए प्रोग्रेसिव पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की ओर से सीएम ममता बनर्जी को पत्र भेजा गया है। साथ ही चाय बागान में रहने वाले श्रमिकों को जमीन का पट्टा प्रदान करने, तराई-डुवार्स व उत्तर बंगाल के बंद पड़े बागानों को सरकार और श्रमिकों के सहयोग से खोला जाए। उक्त बातें बैठक के बाद पीपीपी के अध्यक्ष किरण कालिंदी ने कही है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम मजदूरी को लेकर एक के बाद कई बैठकें हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला। इसलिये उक्त विषयों पर सीधे मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप की मांग को लेकर एक पत्र भेजा गया है। एकमात्र मुख्यमंत्री ही उनका समाधान निकाल सकती हैं।
पीपीपी की ओर से कहा गया कि वर्ष 2014 में तीन वर्ष के लिए श्रमिकों के मजदूरी को लेकर समझौता हुआ था। इसके बाद न्यूनतम मजदूरी देने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है। बाद में बीच-बीच में कुछ मजदूरी जरूर बढ़ाई गई। तब जाकर चाय श्रमिकों को 176 रुपये मजदूरी मिल रहा है। कालिंदी की माने तो कोरोना व आर्थिक तंगी के कारण श्रमिकों का बुरा हाल है। अगर मजदूरी में जल्द बढ़ोतरी नहीं की गई तो श्रमिकों को परिवार चलाना मुश्किल हो जाएगा।
चाय बागान सूत्रों की माने तो वर्ष 2011 में सरकार बदलने के बाद अब तक श्रमिकों के नकद मजदूरी में 109 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। माकपा के शासनकाल में वर्ष 2010 में श्रमिकों को 67 रुपये मजदूरी मिलता था। इसके बाद धीरे-धीरे करके मजदूरी 176 रुपये तक पहुंची है। मजदूरी के अलावा भी चाय बागान इलाकों में श्रमिकों की कई बुनियादी समस्याएं भी है। उक्त विषयों पर समाधान निकालने के लिए सीएम को चिट्ठी लिखा गया है।