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खरना के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू

- पूजा को लेकर फल व सब्जी दुकानों में रही भीड़ व्रती अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को आज देंगे

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 05:48 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 06:44 AM (IST)
खरना के साथ  36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू
खरना के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू

- पूजा को लेकर फल व सब्जी दुकानों में रही भीड़, व्रती अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को आज देंगे अ‌र्घ्य,

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जेएनएन, जलपाईगुड़ी/अलीपुरद्वार : उत्तर बंगाल जिलों के विभिन्न हिस्सों में लोक आस्था का महापर्व छठपूजा के चार दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन शुक्रवार को चारों ओर काफी चहल-पहल देखी गयी। छठ व्रतियों ने दिनभर उपवास रखने के पश्चात संध्या पहर खरना के अवसर पर पूजा-अर्चना के बाद खीर-रोटी का प्रसाद ग्रहण किया। साथ ही लगभग 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा। छठ के जगह-जगह गूंज रहे गीतों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है। व्रतियों ने दिनभर उपवास रखने के पश्चात संध्या बेला में खीर व रोटी के रूप में प्रसाद ग्रहण किया।

जलपाईगुड़ी व अलीपुरद्वार जिले के धुपगुड़ी, मयनागुड़ी, नागराकाटा, मालबाजार, चामुर्ची, बानरहाट, जयगांव, वीरपाड़ा, फालाकाटा में भी छठ व्रतियों ने दिनभर उपवास रखने के बाद संध्या पहर खरना के अवसर पर पूजा अर्चना के बाद खीर रोटी का प्रसाद ग्रहण किया। शनिवार को को संध्या में व्रती अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य देंगे। वहीं रविवार को उदीयमान भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य के पश्चात पारन करेंगे। इस दिन खरना करने के साथ व्रतियों ने अपने सगे-संबंधियों व मित्रो को भी खिलाया। इसके साथ ही छठ व्रतियों ने लगभग 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा। छठ के दूसरे दिन व्रतियों द्वारा दिन भर का उपवास रखकर शाम में नदी, तालाब में स्नानकर कर दूध में अरवा चावल का खीर व रोटी का प्रसाद बनाया व उसे ग्रहण कर खरना किया। इस महान पर्व को लेकर छठ व्रती के साथ-साथ आम लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है।

कहते है कि छठ पूजा बिहारी समुदाय का पूजा है। लेकिन अब यह आस्था का पूजा है। इसे अब हर वर्ग व समुदाय के लोग करने लगे है। बिहारी, बंगाली, नेपाली सहित अन्य वर्ग के लोग भी अब इस पूजा से जुड़ गए है। इस दिन पूजा को लेकर पहाड़ के बाजारों में खरीददारी को लेकर हलचल देखी गई। फल-फूल, मिठाई व सब्जी के दुकानों में काफी भीड़ देखने को मिली।


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