सजा काट रहे कुछ कैदियों को रिहा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी
- कारा मंत्री ने जलपाईगुड़ी केंद्रीय कारागार का किया निरीक्षण, बैठक कर बुनियादी विकास पर क
- कारा मंत्री ने जलपाईगुड़ी केंद्रीय कारागार का किया निरीक्षण, बैठक कर बुनियादी विकास पर की चर्चा जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: राज्य सरकार आगामी दो अक्टूबर को राज्य कारागार से कुछ कैदियों को छोड़ने पर विचार कर रही है। सजा प्राप्त कैदियों को समाज के मुख्य स्त्रोत से जोड़ने के लिए ही उक्त कदम उठाने का फैसला लिया गया। इस फैसले पर अंतिम मुहर लगाने के लिए मामला सुप्रीम कोर्ट के पास भेजा गया है। बुधवार को जलपाईगुड़ी केंद्रीय कारागार का निरीक्षण करने आए कारा मंत्री उज्ज्वल घोष ने उक्त जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि पूरे नियम के तहत काम किया जा रहा है। सजा प्राप्त कैदियों को रिहा करने का लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डाली गई है। सरकारी नियमानुसार अदालत से निर्देश मिलते ही पूरे सम्मान के साथ कैदियों को रिहा किया जाएगा।
कारा मंत्री ने जलपाईगुड़ी केंद्रीय कारागार के विकास कार्यो को लेकर सर्किट बेंच में जरूरी बैठक की। इस दौरान कारा डीजी अरुण कुमार गुप्ता समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक के बाद मंत्री ने कहा कि उत्तर बंगाल के सभी कारागार व जेल का बुनियादी विकास समेत विभाग के दूसरे कार्यो को लेकर अधिकारियों से चर्चा हुई है। इसके अलावा कैदी सुधार गृह के सभी योजनाओं को पूरा करने पर भी बातचीत हुई है। साथ ही पेयजल, बिजली व प्रशिक्षण केंद्रों का काम भी जल्द से जल्द पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। दिसंबर तक काम समाप्त करने की तैयारी है। इस कार्य में 46 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। उत्तर बंगाल के सभी जेल में काम किए जाएंगे। मालदा में कैदियों की संख्या ज्यादा है। यहां नए भवन का निर्माण कराने की योजना है। जेल में रहकर ही आर्थिक सामाजिक विकास के लिए ही उक्त कार्य किए जाएंगे। कैदी जेल से भागना भी चाहते हैं, लेकिन कुछ कैदी ऐसे भी हैं जो कारागार में रहकर सुधरने लगे हैं।