Move to Jagran APP

20 बांग्ला प्राथिमक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में करने का प्रस्ताव

- माकपा समेत अन्य शिक्षक संगठनों ने प्रस्ताव का किया स्वागत - जिले में कुल प्राथमिक स्कूलों क

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Aug 2018 05:24 PM (IST)Updated: Sun, 19 Aug 2018 05:24 PM (IST)
20 बांग्ला प्राथिमक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में करने का प्रस्ताव
20 बांग्ला प्राथिमक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में करने का प्रस्ताव

- माकपा समेत अन्य शिक्षक संगठनों ने प्रस्ताव का किया स्वागत

loksabha election banner

- जिले में कुल प्राथमिक स्कूलों की संख्या 1200, अधिकांश में छात्र कम जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: अग्रेजी माध्यम स्कूलों की जरूरत को ध्यान में रखकर जलपाईगुड़ी जिले के 20 बांग्ला माध्यम स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में करने का प्रस्ताव शिक्षा विभाग के पास भेजा गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन बांग्ला स्कूलों में छात्रों की संख्या 20 या उससे भी कम है, उन स्कूलों को ही अंग्रेजी माध्यम में करने का प्रस्ताव अधिकारियों को भेजा गया है। प्रस्तावित 20 स्कूलों में जलपाईगुड़ी शहर के 5 स्कूल शामिल हैं। प्राथमिक स्कूल निरीक्षक के उक्त कदम का माकपा समर्थित शिक्षक संगठन व अन्यों ने स्वागत किया है। साथ ही उनलोगों का यह भी कहना है कि सरकार को अंग्रेजी माध्यम के साथ-साथ बांग्ला को भी नहीं छोड़ना होगा। इसके अलावा अंग्रेजी जानने वाले शिक्षकों को ही स्कूल में पढ़ाने का मौका मिलना चाहिए।

मिली जानकारी के अनुसार जिले में बांग्ला-हिंदी माध्यम को मिलाकर 1200 प्राथमिक स्कूल है। इसमें एकमात्र अंग्रेजी माध्यम का स्कूल है। उक्त स्कूलों में कुल छात्र-छात्राओं की संख्या करीब एक लाख है। लेकिन पिछले कुछ समय से प्राथमिक स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। प्राथमिक स्कूल निरीक्षक के सदर ईस्ट सर्कल द्वारा गत दो-तीन महीने किए गए सर्वे के अनुसार जलपाईगुड़ी के नरेश चंद स्मृति प्राथमिक विद्यालय में एक भी छात्र नहीं है। वहीं सौदागर पट्टी प्राथमिक स्कूल में भी छात्र-छात्राएं नहीं है। लेकिन यहां दो शिक्षक जरूर हैं। वहीं सेवाग्राम प्राथमिक विद्यालय में केवल पांच छात्र-छात्राएं हैं। अधिकांश स्कूलों का ही यही हाल है। अस्थायी शिक्षकों द्वारा ही स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। छात्रों के कम होने का सबसे बड़ा कारण अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में की संख्या बढ़ने को भी बताया जा रहा है। लोग बांग्ला प्राथमिक स्कूलों से अधिक अंग्रेजी को महत्व दे रहे हैं।

जिला प्राथमिक स्कूल के निरीक्षक मृन्मय घोष ने कहा कि गत अप्रैल महीने में ही कुछ बांग्ला प्राथमिक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम करने का प्रस्ताव विकास भवन में भेजा गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.