क्वारेंटाइन सेंटर की बदहाल व्यवस्था के खिलाफ प्रवासी श्रमिकों ने किया आंदोलन
-10 दिनों क्वारेंटाइन सेंटर में रहने बाद नहीं हुई स्लाइबा की जांच -छात्र को श्रमिक को एक सा
-10 दिनों क्वारेंटाइन सेंटर में रहने बाद नहीं हुई स्लाइबा की जांच
-छात्र को श्रमिक को एक साथ रखने पर बवाल, सेंटर में दिया जाता है घटिया भोजन
संवाद सूत्र,चामुर्ची:बानरहाट स्थित काíतक उराव हिंदी कॉलेज के क्वॉरेंटाइन शिविर में विभिन्न राज्यों से आए हुए प्रवासी मजदूर व विद्यार्थियों को एक साथ रखा गया है। गुरुवार की सुबह इन सभी क्वॉरेंटाइन शिविर में रहने वाले लोगों ने शिविर के अंदर की बदहाल व्यवस्था, निम्न स्तर के भोजन एवं कई मूलभूत समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान कॉलेज के क्वॉरेंटाइन सेंटर से निकलकर गेट के बाहर मुख्य सड़क पर आकर सड़क जाम करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इन लोगों का आरोप है उन्हें काफी निम्न स्तर का भोजन के साथ-साथ काफी कम भोजन दिया जाता है। वहीं शिविर के अंदर किसी भी तरह की व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं की गई है। उन्होंने बताया कई लोग इस सेंटर में रहे हुए 10 दिन से भी ऊपर हो चुके हैं लेकिन ना तो उनकी स्वास्थ्य जाच की जा रही है, न ही उन लोगों का कोरोना जाच के लिए सैंपल लिया गया है। क्वॉरेंटाइन सेंटर के अंदर संक्रमण का खतरा पूरी तरह से बना हुआ है।उन्होंने बताया नए लोगों को भी जो कई दिनों से उस शिविर में रह रहे हैं उनके साथ रखा जा रहा है। जिसके कारण शिविर में रह रहे लोगों ने कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरा के प्रति आशका बढ़ रही है। आज इसी सभी विषयों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए क्वॉरेंटाइन सेंटर से बाहर सड़क पर निकलकर पथ अवरोध किया गया। बाद में बानरहाट पुलिस पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों को समझा-बुझाकर फिर से अंदर कर दिया।
प्रखंड के बीडीओ शखदीप दास ने बताया प्रशासन की ओर से हर तरह की सुविधाएं दी जा रही है। लेकिन फिर भी लोग बाहर निकल कर विरोध जता रहे हैं। प्रशासन की ओर से हर तरह की सुविधाएं एवं समस्याओं के समाधान के लिए कार्य कर रही है। कुछ दिन आगे भी इसी सेंटर में विभिन्न समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया था।
कैप्शन : सड़क पर बैठकर विरोध करते प्रवासी श्रमिक