आज से चापरामरी अभ्यारण्य में पर्यटको के प्रवेश पर रोक
- परिवेश प्रेमी संगठनों के बढ़ते दबाव के चलते वन विभाग ने लिया फैसला - दुबारा बंद के फैसले
- परिवेश प्रेमी संगठनों के बढ़ते दबाव के चलते वन विभाग ने लिया फैसला
- दुबारा बंद के फैसले से पर्यटन व्यवसायियों में निराशा जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: वन्य प्राणियों के प्रजनन ऋतु के दौरान चापरामारी अभ्यारण्य पर्यटकों के लिए खोले रखने के फैसले से वन विभाग काफी समस्या में नजर आ रही है। परिवेश प्रेमी संगठनों के बढ़ते दबाव के चलते गोरूमारा वन्य प्राणी विभाग ने चापरामारी अभ्यारण्य को बंद करने का निर्णय लिया है। उक्त फैसले से पर्यटन व्यवसायियों में निराशा देखी जा रही है।
राज्य वन्यप्राण शाखा के प्रधान मुख्य वनपाल रविकांत सिन्हा ने कहा कि बुधवार से चापरामारी अभ्यारण्य में पर्यटको के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। लेकिन जंगल से बाहर मेदला व धूपझोड़ा एलिफेंट कैंप के अलावा राजाभातखावा से जयंती सानताली और बक्शा फोर्ट तक सड़कों को खुला रखा जाएगा।
लाटागुड़ी रिसॉर्ट ऑनर्स एसोसिएशन के महासचिव दिवेंदू देव ने कहा कि डुवार्स का पर्यटन व्यवसाय जंगल पर ही निर्भर है। प्रत्येक वर्ष दूसरे जंगलों की तरह चापरामारी अभ्यारण्य को भी बारिश के मौसम में बंद कर दिया जाता था। लेकिन इस बार चापरामारी को पर्यटको के लिए खुला रखने का फैसला लिया गया था। फलस्वरूप कई रिसॉर्ट भी बुकिंग कराई जा चुकी थी, पर मंगलवार को अचानक वन विभाग द्वारा चापरामारी अभ्यारण्य को बंद करने के फैसले से व्यवसायी वर्ग निराश हैं। इस फैसले से वाहन चालक, जिप्सी मालिक व अन्य व्यवसायी को भी नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। उनलोगों ने वन्य प्राणियों को किसी भी प्रकार परेशानी के बिना जंगल में पर्यटको को भ्रमण कराने की मांग की थी।
राज्य के वनमंत्री विनय कृष्ण बर्मन ने कहा कि चापरामारी अभ्यारण्य पर्यटको के लिए ही खोला गया था। इसके बाद ही परिवेश प्रेमी संगठन के सदस्यों ने शिकायत की थी कि वन्य प्राणियों के प्रजनन के दौरान पर्यटको को प्रवेश न होने दिया जाए। उनलोगों की मांगों को ध्यान में रखकर ही चापरामारी अभ्यारण्य को बंद करने का फैसला लिया गया है।
परिवेश प्रेमी स्पा के महासचिव श्यामा प्रसाद पांडे ने कहा कि चापरामारी को बंद कराने के लिए वनमंत्री को ज्ञापन देकर जंगल में पर्यटको के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी। जंगल के बाहर वाले भ्रमण स्थलों को खोलने पर उनलोगों को कोई परेशानी नहीं है। ज्ञातव्य है कि प्रतिवर्ष 16 जून से 15 सितंबर तक भारतवर्ष के सभी राष्ट्रीय उद्यान व अभ्यारण्य में पर्यटको के प्रवेश पर रोक ला दी जाती है। इसमें उत्तर बंगाल के जलदापाड़ा व गोरूमारा राष्ट्रीय उद्यान भी शामिल है।