सावन के पहले सोमवारी को जलपेश में शिव भक्तों की उमड़ी भीड़
-प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक को को आते हैं मंदिर, सुरक्षा के कड़े इंतजाम - शिव भ
-प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक को को आते हैं मंदिर, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
- शिव भक्तों का ख्याल रखने के मंदिर कमेटी की ओर से रखे गए स्वयंसेवक
जेएनएन, जलपाईगुड़ी: मयनागुड़ी स्थित जलपेश मंदिर आध्यात्मिक भक्ति व प्राचीनतम शिव मंदिर के रूप में विख्यात है। यहां केवल राज्य व देश के नहीं बल्कि विदेशों से भी काफी संख्या में श्रद्धालु शिवलिंग पर जल चढ़ाने आते हैं। पूजा के अलावा सावन के महीने में मंदिर की सजावट भी काफी भव्य व सुंदर तरीके से की गई है।
सावन के पहली सोमवारी पर मयनागुड़ी स्थित जलपेश मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ी। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलभिषेक किया। मंदिर में सुबह से ही भक्तों लंबी-लंबी कतार में लगकर भगवान शिव के दर्शन का इंतजार कर रहे थे। शिव भक्तों का कहना है कि पूरा श्रावण मास जप-तप व ध्यान के लिए उत्तम माना जाता है। इस महीने में सोमवार के दिन का अलग ही महत्व होता है। माना जाता है इस दिन पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती है।
मयनागुड़ी के अलग-अलग इलाकों में कई प्राचीन शिव मंदिर है। इसमें सबसे अधिक विख्यात जलपेश मंदिर ही है। शहर से आठ किलोमीटर दूर जरदा नदी के किनारे कालिकापुराण व स्कंदपुराण ख्याति प्राप्त जलपेश मंदिर स्थापित है। यह मंदिर केवल मयनागुड़ी व जलपाईगुड़ी जिले में ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर बंगाल के प्रसिद्ध व प्राचीनतम शिव मंदिर व तीर्थ स्थान माना जाता है।
यहां प्रतिवर्ष सावन के महीने में जलपेश मेले का आयोजन किया जाता है। मंदिर में आने से पहले श्रद्धालु 18 किलोमीटर दूर तीस्ता नदी में नहाकर वहीं से जल उठाते हैं। फिर उसी रास्ते से पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचते हैं। असम, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश व उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों से शिव भक्त मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाने आते हैं। सावन के महीने में लाखों शिव भक्त मंदिर का दर्शन करते हैं।
इस महीने श्रद्धालुओं के जलपेश मंदिर आगमन को लेकर प्रशासन की ओर से सभी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। तीस्ता नदी से लेकर मंदिर प्रागंण तक पुलिस को तैनात किया गया है। सीसीटीवी कैमरे की भी मदद ली जा रही है। सफेद पोशाक में भी पुलिस कर्मियों को अलग-अलग जगहों पर तैनात किया गया है। इस बार कमेटी की ओर से श्रद्धालुओं का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसलिये पहले से ही तैयारी कर ली गई है। स्वयंसेवकों को नियुक्त किया गया है। सुरक्षा को ध्यान में रखकर इस बार पुलिस कैंप भी लगाया गया है।