हाथी के उत्पात से कृषि काम बंद करने को मजबूर लोग
- वीरपाड़ा चाय बागान के पांच नंबर सेक्शन की घटना श्रमिकों ने बागान खोलने की मांग की स
- वीरपाड़ा चाय बागान के पांच नंबर सेक्शन की घटना, श्रमिकों ने बागान खोलने की मांग की
संवाद सूत्र, वीरपाड़ा: फसल का अधिकांश हिस्सा हाथियों के पेट में जा रहा है। फलस्वरूप किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह घटना मदारीहाट ब्लॉक शिशुझुमड़ा ग्राम पंचायत के वीरपाड़ा चाय बागान के पांच नंबर सेक्शन की हे। बागान के श्रमिक पीयूष खरिया, बूचा इंदोआर, सोमरा इंदोआर ने कहा कि यहां हाथियों का हमला प्रतिदिन ही हो रहा है। ऐसी कोई रात नहीं जब हाथी उत्पात नहीं मचाती। काफी वर्ष पहले उनलोगों को खेती के लिए पास में एक जमीन फसल के लिए दी गई। यहां धान, गेहूं, मक्के की खेती की जाती थी। लेकिन प्रत्येक वर्ष फसल पकने पर हाथी द्वारा नष्ट कर दिया जाता है। इस कारण उनलोगों का फसल का दाम तक नहीं उठता है। इसलिये गत वर्षो से उनलोगों ने फसल की सिंचाई करना बंद कर दिया है। श्रमिकों का कहना है कि उनलोगों का बागान भी सिर्फ कागज में खुला है। बागान मैनेजर नहीं होने पर काम नहीं हो पा रहा है। बारिश में कच्ची पत्ती बिक्री कर अपना परिवार चलाते हैं। लेकिन अब कच्ची पत्ती न होने से कुछ भी रोजगार नहीं हो पा रहा है। अब यहां काम नहीं होने से श्रमिक रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में चले जा रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस मजदूर यूनियन के सदस्य रबीनसन कुजूर ने कहा कि हाथी के उत्पात के डर से श्रमिकों ने कृषि का काम बंद कर दिया है। साथ ही उनलोगों ने बागान खुलवाने की भी मांग की है।