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खुट्टाडीह कोलियरी में चाल गिरने से दो कर्मी की मौत

संवाद सहयोगी, पाण्डेश्वर : ईसीएल के पाण्डेश्वर क्षेत्र के खुट्टाडीह कोलियरी के दो नंबर पिट म

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Oct 2018 06:33 PM (IST)Updated: Sun, 07 Oct 2018 06:33 PM (IST)
खुट्टाडीह कोलियरी में चाल गिरने से दो कर्मी की मौत
खुट्टाडीह कोलियरी में चाल गिरने से दो कर्मी की मौत

संवाद सहयोगी, पाण्डेश्वर : ईसीएल के पाण्डेश्वर क्षेत्र के खुट्टाडीह कोलियरी के दो नंबर पिट में रविवार की सुबह चाल (कोयला व लोहे का टुकड़ा) गिरने से दो श्रमिकों की मौत हो गई। दोनों श्रमिक कोयला से दब गए, जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान जूनियर ओवरमैन चंद्रशेखर गिरि(50) और फेसक्रू पद पर कार्यरत कलेश्वर महतो(55) के रूप में हुई। मृत श्रमिकों के आश्रितों को 20 लाख रुपया दुर्घटना मुआवजा समेत अन्य मांगों को लेकर प्रबंधन से श्रमिक संगठनों की काफी देर तक अनबन हुई। अंत में प्रबंधन द्वारा 20 लाख रुपया मुआवजे के लिए ईसीएल मुख्यालय को प्रस्ताव भेजने की सहमति के बाद शव को 12 घंटा बाद संध्या चार बजे खदान से बाहर निकाला गया। इसके बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए आसनसोल जिला अस्पताल भेज दिया गया। घटना के बाद कोलियरी में उत्पादन पूरी तरह ठप रहा। वहीं खदान में रूप में किसी प्रकार का सहारा (सपोर्ट व्यवस्था) नहीं रहने का आरोप श्रमिक संगठनों ने लगाया एवं प्रबंधन को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया। खुट्टाडीह कोलियरी खदान में चानक से तकरीबन तीन किलोमीटर की दूरी पर कोयला उत्पादन के लिए रात्रि पाली में श्रमिक खदान में गए थे। जहां पहले ड्रिल हॉल किया गया। जिसके बाद माइ¨नग सरदार ने खदान में कोयला उत्पादन के लिए ब्ला¨स्टग की। ब्ला¨स्टग के बाद चंद्रशेखर एवं कलेश्वर महतो सफाई के लिए गए थे। तभी अचानक पत्थर व कोयला का बड़ा सा टुकड़ा उनके शरीर पर आवाज के साथ आ गिरा। जबकि रात्रि के अन्य पाली के श्रमिक कुछ दूरी पर थे। घटना के बाद श्रमिकों ने प्रबंधन को सूचना दी। इसके बाद क्षेत्रीय व कोलियरी अधिकारी पहुंचे एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। काफी प्रयास के बाद पत्थर व कोयला को हटाने पर सुबह साढ़े सात बजे चंद्रशेखर का शव बरामद किया गया, तकरीबन 8.40 में कलेश्वर का शव निकाला गया। घटना की सूचना पाकर सभी श्रमिक संगठनों के नेता पहुंच गए। विधायक जितेंद्र तिवारी, जीएम अरूण कुमार झा भी पहुंचे। विधायक ने आश्रितों को उचित मुआवजा तथा कंपनी से मिलने वाली अन्य सुविधाएं देने की मांग की। दुर्घटना मुआवजा के रूप में बीस लाख रुपया की मांग की। जबकि प्रबंधन द्वारा मात्र पांच लाख रुपया मुआवजा के तौर पर दिया जाता है। काफी अनबन के बाद जीएम ने बीस लाख का प्रस्ताव मुख्यालय में भेजने का आश्वासन दिया। तब जाकर शव को निकाला गया। जीएम एके झा ने कहा कि नियम के अनुसार तत्काल आश्रित को नौकरी के साथ-साथ अन्य सुविधाएं दी जाएगी। बीस लाख रुपया मुआवजा का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा जाएगा।

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