अवैध निर्माण तोड़ने गए डीएसपी अधिकारियों का घेराव
जागरण संवाददाता दुर्गापुर दुर्गापुर स्टील प्लांट (डीएसपी) के नगर प्रशासन की ओर से इस्पात न
जागरण संवाददाता, दुर्गापुर : दुर्गापुर स्टील प्लांट (डीएसपी) के नगर प्रशासन की ओर से इस्पात नगरी के विभिन्न इलाकों में डीएसपी की जमीन पर अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत इस्पात पल्ली में शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने के दौरान डीएसपी अधिकारियों को स्थानीय लोगों के आक्रोश का शिकार होना पड़ा। स्थानीय बस्ती के महिला पुरुषों ने अधिकारियों का वाहन रोककर मुआवजे की मांग की। इस दौरान करीब तीन घंटे तक अधिकारियों का घेराव किए जाने से इलाके में तनाव व्याप्त हो गया। आक्रोशित लोगों को शांत कराने के लिए विभिन्न थानों की पुलिस के साथ-साथ सीआइएसएफ के जवानों को तैनात किया गया। अंत में प्रशासन द्वारा आश्वासन देने के बाद मामला शांत हुआ। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को डीएसपी के नगर प्रशासन की ओर से शहर के चार नंबर वार्ड अंतर्गत भारती सेक्टर संलग्न इस्पात पल्ली, नतुन पल्ली में अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया गया। इस दौरान डीएसपी अधिकारियों की सुरक्षा के लिए सीआइएसएफ जवानों के साथ साथ दुर्गापुर थाना की पुलिस भी मौजूद थी। अभियान के दौरान बुलडोजर लगाकर डीएसपी की जमीन पर बने करीब पांच से अधिक अवैध निर्माण को तोड़ दिया गया। इस दौरान एक घर में खुद को बंद करने वाली पूजा घोष एवं उनके परिवार की महिला सदस्य को प्रशासन द्वारा बार-बार घर से निकल जाने को कहा गया, लेकिन जब महिला जब घर से नहीं निकली तब विवश होकर जवानों ने घर के पीछे की दीवार तोड़कर महिला पुलिस के सहयोग से घर की महिलाओं को जबरन बाहर निकालकर मकान को तोड़ दिया। इस दौरान महिलाओं की चीख-पुकार से आसपास के बस्ती के लोग आक्रोशित हो गए। इसके बाद बस्ती के लोगों ने डीएसपी अधिकारियों के वाहन को रोककर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने डीएसपी अधिकारी अरुण कुमार आंबेडकर, देवव्रत बात्यबल, सरवन कुमार का घेराव कर प्रदर्शन किया। घेराव की खबर मिलते ही दुर्गापुर एसीपी ध्रुव ज्योति मुखर्जी, सीआई कृष्णेंदु विश्वास, थाना प्रभारी अजय बाग आदि पुलिस बल के साथ पहुंचे। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने अधिकारियों के वाहन के आगे आग जलाकर प्रदर्शन करते हुए तोड़े गए मकानों को अविलंब मुआवजा देने की मांग पर अड़ गए। आंदोलनकारियों के समर्थन में निजी संस्था के पारिजात गांगुली, माकपा नेता मोहन पासवान, भाजपा नेता प्रदीप मंडल, तृणमूल कांग्रेस के प्रसनजीत चक्रवर्ती आदि लोग पहुंच गए एवं डीएसपी के खिलाफ नारे लगाने लगे। पीड़ित महिला पूजा घोष, मोहन पासवान सहित कई लोगों ने आरोप लगाया कि डीएसपी प्रबंधन ने बिना नोटिस दिए बस्ती के कई घरों को तोड़ा है। अतिक्रमण अभियान में प्रबंधन पक्षपात कर रहा है, प्रबंधन चुन-चुन कर घरों को तोड़ रहा है, जो पूरी तरह गलत है। डीएसपी ने बिना नोटिस दिए पुराने घरों पर भी बुलडोजर चला दिया।
डीएसपी के जनसंपर्क विभाग के अधिकारी अशराफुल हुसैन मजूमदार ने बताया कि विभाग द्वारा अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। बस्ती के लोगों का अधिकारियों को रोककर रखना गलत है। घटना की सूचना विभाग के उच्च अधिकारियों को दी गई है।