अपनी जमीन पर ही हक नहीं अपना
बोकारो : बीएसएल की खाली जमीन विस्थापित रैयतों को वापस करने सहित अन्य मांगों को लेकर विस्था
बोकारो : बीएसएल की खाली जमीन विस्थापित रैयतों को वापस करने सहित अन्य मांगों को लेकर विस्थापित साझा मंच के बैनर तले विस्थापितों ने उपायुक्त कार्यालय के पास धरना दिया। उपस्थित विस्थापितों ने बीएसएल प्रबंधन पर मनमानी करने का आरोप लगाया। विस्थापितों ने कहा कि भू-अर्जन कानून कहता है कि परियोजना के बाद बची हुई जमीन मूल विस्थापितों को वापस मिलनी चाहिए, लेकिन बीएसएल की खाली जमीन आज तक विस्थापितों को वापस नहीं हुई है। खाली जमीन पर अतिक्रमणकारी कब्जा कर घर और कंपनी बना रहे हैं। इसके बावजूद भी प्रबंधन अतिक्रमणकारियों का कुछ नहीं कर रही। विस्थापित अपनी जमीन पर ही अपना हक नहीं जता पा रहे। कहा कि विस्थापितों ने अपनी जमीन देकर बीएसएल प्लांट का निर्माण कराया, लेकिन विस्थापितों को आज तक न्याय नहीं मिला है। विस्थापन के 63 वर्षों में सरकार और प्रबंधन की उपेक्षा के कारण विस्थापितों को सपना चकनाचूर हो गया है। चतुर्थ वर्ग में विस्थापितों का नियोजन का आरक्षण एक साजिश के तहत खत्म कर दिया है। नियोजन के आश में तीन पीढ़ी के युवक बर्बाद हो गए हैं। विस्थापित हित के लिए बना डीपीएलआर कार्यालय आर्थिक शोषण का केंद्र बन गया है। विस्थापितों का काम डीपीएलआर निदेशक नहीं कर दलालों के माध्यम से कर रहे हैं। बीएसएल प्रबंधन खाली जमीन को पूंजीपतियों के हाथों बेच रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता मो अब्बास ने किया।
मौके पर मदन मोहन महतो, शांति भारत, राज कुमार गोराई, चौहान महतो, दिनेश बेसरा, महावीर मरांडी, अयुब अंसारी, मोतीलाल महतो, शांति देवी, अब्दुल रउफ, विद्याधर गोस्वामी, तयबुल कादरी, खिरोधर मुर्मू, हसनुल अंसारी, शंकर लाल गोप, गुलाब चंद्र, राजेश महतो, भगवान प्रसाद साहू, जानकी महतो आदि उपस्थित थे।