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2012 से लापता युवक आखिरकार सात वर्षो बाद अपनी विधवा मां के पास लौट पाया

क्सलबाड़ी के दक्षिण रथखोला से अप्रैल 2012 से लापता युवक आखिरकार सात वर्षो बाद बड़ी कठिन परिस्थितियों के बीच अपनी विधवा मां के पास लौट पाया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 03:42 PM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 03:42 PM (IST)
2012 से लापता युवक आखिरकार सात वर्षो बाद अपनी विधवा मां के पास लौट पाया
2012 से लापता युवक आखिरकार सात वर्षो बाद अपनी विधवा मां के पास लौट पाया

सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। नक्सलबाड़ी के दक्षिण रथखोला से अप्रैल 2012 से लापता युवक आखिरकार सात वर्षो बाद बड़ी कठिन परिस्थितियों के बीच अपनी विधवा मां के पास लौट पाया है। इसके लिए नक्सलबाड़ी भाजपा मंडल अध्यक्ष दिलीप बराइ की अहम भूमिका बतायी जाती है। परिवार के पास स्वयं लौट आने से प्रह्लाद मंडल और उसकी मां आरती मंडल काफी प्रसन्न हैं। उसके लापता होने और सात सालों के संघर्ष की कहानी भी कुछ अनोखी ही है।

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प्रह्लाद मंडल ने मां और भाजपा मंडल अध्यक्ष को बताया कि वह अपने बहन और बहनोई के साथ माटीगाड़ा गया था। वहां करीब डेढ़ माह रहने के बाद वहीं एक नेपाली युवक उसे गुवाहाटी में काम दिलाने के लिए अपने साथ ले गया। वहां तीन चार माह काम करने के बाद असम का एक व्यक्ति उसे पंजाब काम दिलाने के लिए साथ ले गया। जबकि गुड़गांव में तीन लाख रूपये में बेच दिया। वहां काफी कठिनाइयों के बीच ऐसे ऐसे काम कराए जाते थे जिसे वह कभी घर में भी नहीं कर सकता था।

वहां उसे किसी के साथ फोन पर भी बातचीत करने की मनाही थी। वहां से किसी तरह भागने में सफल हुआ तो अमृतसर पहुंच गया। वहां एक दुकानदार ने उसे नौकरी पर रखने का भरोसा दिलाया और वही काम कर रहा था। वहां कामकाज करने के बाद ही वह घर में अपनी मां को फोन से बात कर पाता था। किए गये फोन के आधार पर उसके मालिक तक यहां के लोग पहुंच पाए।

भाजपा मंडल अध्यक्ष दिलीप बड़ाइ ने बताया प्रह्लाद की मां रोजी रोटी करके परिवार को पालने का काम करती है। पति नहीं होने के बाद भी लोगों की सहायता से दो बेटी की शादी कर दी थी। बेटी की शादी के बाद ही प्रह्लाद लापता हो गया। इस संबंध में उसने थाना में शिकायत भी दर्ज की थी।

कई साल बाद जब फोन आता था तो वह नंबर लेकर बहुत लोगों के पास जाती परंतु कोई फायदा नहीं मिला। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रह्लाद की मां ने पूरी बात बतायी। उसके बाद उसके नंबरों को लेकर जांच करने पर अमृतसर के दुकान मालिक से बात हो पायी। उसे जब अपना पूरा परिचय दिया और उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने की बात कही तो उसने पता दिया। अंत में प्रह्लाद की मां के साथ शत्रुघन सहनी के साथ अमृतसर भेजा और प्रह्लाद को सकुशल लेकर आया। दो दिनों में वह कुछ स्वस्थ्य हुआ है जल्द ही इसकी लिखित जानकारी थाना और प्रखंड विकास पदाधिकारी को दी जाएगी।


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