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West Bengal Coronavirus Lockdown Effect: क्या सिलीगुड़ी में फिर होगा पूर्ण लाॅकडाउन?

कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड-19) के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर एक बार फिर सिलीगुड़ी में पूर्ण लाॅकडाउन की मांगें उठने लगी हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 12:45 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 12:45 PM (IST)
West Bengal Coronavirus Lockdown Effect: क्या सिलीगुड़ी में फिर होगा पूर्ण लाॅकडाउन?
West Bengal Coronavirus Lockdown Effect: क्या सिलीगुड़ी में फिर होगा पूर्ण लाॅकडाउन?

सिलीगुड़ी , इरफ़ान-ए-आज़म।  शहर व आसपास में कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड-19) के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर एक बार फिर सिलीगुड़ी में पूर्ण लाॅकडाउन की मांगें उठने लगी हैं। दार्जिलिंग जिला कांग्रेस अध्यक्ष विधायक शंकर मालाकार ने दार्जिलिंग के जिलाधिकारी को पत्र लिख कर सिलीगुड़ी में पूर्ण लाॅकडाउन की मांग की है। उन्होंने यह भी मांग की है कि, चूंकि, पूरे उत्तर बंगाल के कोविड ​-19 मरीजों का इलाज सिलीगुड़ी में ही किया जाता है, इसीलिए सिलीगुड़ी में इसकी चिकित्सा व्यवस्था व सुविधाओं को और सुदृढ़ किया जाना चाहिए।

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याद रहे कि इससे पहले भाजपा नेता व दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने भी यही मांग उठाई थी। उन्होंने भी कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड-19) वृद्धि को रोकने के लिए सिलीगुड़ी में पूर्ण लाॅकडाउन की वकालत की है। इस बाबत पूछे जाने पर पश्चिम बंगाल सरकार के लोक निर्माण विभाग के मंत्री अरूप विश्वास का कहना है कि मांग कोई भी कर ही सकते हैं। यही तो गणतांत्रिक शासन व्यवस्था है। इसमें किसी को भी अपनी बातें रखने का पूरा अधिकार है। मगर, कहां क्या लागू होगा, नहीं लागू होगा, वह वहां के हालात की समीक्षा कर शासन-प्रशासन तय करेगा। शासन-प्रशासन अवश्य ही आवश्यक कदम उठाएगा। 

वहीं, दूसरी ओर राज्य सरकार के गृह विभाग की ओर से बीते मंगलवार को नया आदेश जारी कर राज्य के सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन नीति की समीक्षा करने को कहा गया है। इसके तहत, कोरोना रोकथाम की दिशा में, कंटेनमेंट जोन का पुनर्निर्धारण करने और हालात के अनुसार क्षेत्र विशेष में सख्ती या छूट बरतने की व्यवस्था करने को कहा गया है। इस बाबत दार्जिलिंग के जिलाधिकारी एस. पोन्नमबलम का कहना है कि वह जल्द ही नए आदेश के आलोक में वस्तुस्थिति की समीक्षा कर जिले में कंटेनमेंट जोन का पुनर्निर्धारण करेंगे।

गौरतलब है कि, सिलीगुड़ी में कोविड-19 के मामले बड़ी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। राज्य सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग की ओर से मंगलवार सात जुलाई को जारी कोविड-19 हेल्थ बुलेटिन के मद्देनजर ही देखें तो स्थिति चिंतनीय है। उत्तर बंगाल में कोविड-19 के मामलों में मालदा के बाद दूसरा सर्वोच्च स्थान दार्जिलिंग जिले का ही है। जहां अब तक कुल मामलों की संख्या 684 हो चुकी है। एक ही दिन में, बीते सोमवार को 37 नए मामलों की वृद्धि हुई है। हालांकि, अब तक 440 कोविड-19 मरीज स्वस्थ भी हो चुके हैं। जबकि, इससे मरने वालों की संख्या अब तक 10 है।

वर्तमान में कुल सक्रिय मामले 234 हैं जिनमें बीते दिन ही 34 नए मामलों की वृद्धि हुई है। इनमें भी सर्वाधिक मामले सिलीगुड़ी शहरी क्षेत्र से ही हैं।सिलीगुड़ी के निवर्तमान मेयर और वर्तमान विधायक व सिलीगुड़ी नगर निगम की प्रशासकीय समिति के चेयरपर्सन अशोक भट्टाचार्य भी कोविड-19 की चपेट से अछूते नहीं रहे। हालांकि तीन हफ्ते से अधिक लंबी चिकित्सा के बाद वह अब स्वस्थ हो चुके हैं और बीते तीन दिनों से अपने घर पर ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।

इधर, सिलिगुड़ी महकमा परिषद के विपक्ष के नेता काजल घोष और तृणमूल कांग्रेस समर्थित ट्रेड यूनियन आईएनटीटीयूसी के एनजेपी क्षेत्र के प्रभावशाली नेता प्रसेनजीत राय भी बीते मंगलवार को कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसे लेकर भी हड़कंप मचा हुआ है। आम लोगों में खौफ व दहशत का माहौल है। शहर में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के चिंतनीय हालात के मद्देनजर आम लोगों में ज्यादातर लोग सिलीगुड़ी में पूर्ण लॉकडाउन के ही पक्ष में हैं। 


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