कोरोना सतर्कता: कोरोनावायरस के खांसी के क्या है लक्षण, कैसे पता चलेगा कि कोई व्यक्ति बीमार है
लॉक डाउन में अगर आप सावधान रहते हैं तो आने वाले कुछ दिनों में वायरस का समाधान निकल कर सामने आएगा।
सिलीगुड़ी, अशोक झा। लॉक डाउन में अगर आप सावधान रहते हैं तो आने वाले कुछ दिनों में वायरस का समाधान निकल कर सामने आएगा। अगर लोग सख्ती के साथ क्वारंटीन, होम स्टे जैसे फॉर्मूले को अपनाएं तो इस कोरोना वायरस के अनुमानित संदिग्ध केसों में 62 फीसदी कमी आ सकती है। साथ ही पीक केसों की संख्या भी 89 फीसदी तक कम हो सकती है।
लॉकडाउन ऐसी आपातकालीन व्यवस्था होती है, जिसके तहत सार्वजनिक यातायात, निजी प्रतिष्ठान, संस्थान वगैरह बंद कर दिए जाते हैं, हालांकि जरूरी सेवाओं को इससे छूट रहती है। कोरोना वायरस खांसी या छींकने से हवा में संचारित बूंदों के माध्यम से फैलता है। यह प्रभावित व्यक्ति से आस-पास के लोगों में नाक, मुंह या आंखों के माध्यम से शरीर के भीतर प्रवेश कर सकता है। इसको लेकर शहर के विशिष्ट चिकित्सक व बालाजी हेल्थ केयर के मैनेजिंग डायरेक्टर शैलेश झा से दैनिक जागरण में कई सवाल किए । उन्होंने वेवाकी से जवाब दिए हैं ।जो कुछ इस प्रकार है।
क्या बीमार व्यक्ति के पास से गुजर जाता हूं, तो क्या मैं भी बीमार हो जाऊंगा?
डॉ झा ने बताया कि उत्तर बंगाल में पहला मामला सामने आने के बाद लोक पैनिक हो गए हैं। तनाव से लोगों को बचना चाहिए।आप किराने की दुकान में जाते हैं और उस दुकानदार को कोरोना वायरस है तो आपको उस व्यक्ति द्वारा संक्रमित होने का खतरा है। विशेषज्ञ भी इस बात से सहमत हैं। हालांकि वे इसके लिए चार कारकों की अहम भूमिका मानते हैं: आप उस व्यक्ति (संक्रमित) के कितने करीब आते हैं; आप कितने समय से उस व्यक्ति के पास हैं; क्या उस व्यक्ति की वायरल ड्रापलेट्स आप पर गिरी; और आप अपने चेहरे को कितना छूते हैं।
पाठको को बताए कि वायरल ड्रॉपलेट्स क्या है?
डॉ झा ने कहा कि ड्रॉपलेट्स अर्थात छोटी बूंदें वे होती हैं जिनमें वायरल पार्टिकल्स मौजूद होते हैं. एक वायरस एक छोटा कोडपेंडेंट माइक्रोब होता है जो एक सेल से जुड़ता है। उसे अपने कब्जे में ले लेता है और खुद के जैसे कई अन्य वायरस पैदा करता है। फिर अपने अगले होस्ट में चला जाता है। इस वायरस की “लाइफस्टाइल” हैं. जब हम छींकते हैं, खांसते हैं, हंसते हैं, बात करते हैं या सांस लेते हैं, तो वायरस नाक और मुंह से निकले वाले बलगम और लार के अंदर मौजूद होते हैं। जब वे किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में नहीं आते हैं, तो यह आमतौर पर फर्श या जमीन पर पड़ता है। वहीं अगर एक किसी व्यक्ति के संपर्क में आ जाता है, तो उसे ये संक्रमित कर सकता है।
लोगों को बीमार व्यक्ति से कितना दूर रहना चाहिए?
डॉ झा ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता क्रिश्चियन लिंडमियर ने बताया कि बीमार व्यक्ति से तीन फीट दूर रहना सबसे अच्छा है। उन्होंने बताया कि अब तक यह तय नहीं पाया है कि पीड़ित व्यक्ति के कितने देर रहने से या बीमारी दूसरे को हो सकती है। विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि जितनी देर तक आप उसके पास रहेंगे जोखिम उतना ही ज्यादा होगा।
कैसे पता चलेगा कि कोई व्यक्ति बीमार है?
डॉक्टर झा ने बताया की जरुरी नहीं की इसके चपेट में कौन और कब लोग आ जाए। ध्यान रखें कि यदि आप बीमार पड़ते हैं, तो अधिकांश लक्षण सर्दी या फ्लू जैसे होते हैं। हालांकि, कोरोना वायरस के मामने में बिना लक्षणों वाले लोगों ने भी दूसरों को संक्रमित किया है।डब्ल्यूएचओ के अनुसार कोरोनोवायरस फैलाने वाले अधिकांश लोग संचरण के दौरान बीमार थे।
क्या वायरस टच स्क्रीन, बस में, पोल पर या अन्य ठोस सतहों पर रह सकता है?
डॉ झा ने बताया कि बिल्कुल रह सकता है। कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। यही कारण है कि लॉक डाउन के बीच सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में सभी सार्वजनिक स्थानों को सेनीटाइज किया जा रहा है। शहर के सेंटर फॉर हेल्थ प्रोटेक्शन ने साइट से नमूने एकत्र किए हैं।
क्या किसी खास ब्रांड या प्रकार का साबुन इस्तेमाल करना मायने रखता है?
डॉ झा ने बताया कि नहीं, कई विशेषज्ञों ने कहा है किसी भी साबुन से घर से बाहर निकल कर लौट कर आने पर हाथ धोना जरूरी है। मेरा मानना है कि सोशल मीडिया में फैल रहे खबरों पर ध्यान ना देकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जा रही जानकारी पर ही लोग ज्यादा से ज्यादा अमल करें
कोई खांस रहा हो तो भयभीत होना चाहिए?
डॉक्टर झा ने बताया कि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे ये पता चल सका हो कि वायरल कण दीवारों या कांच को पार कर जा सकते हैं। यदि एक संक्रमित पड़ोसी किसी एक रेलिंग पर छींकता है और अगर आप इसे छूते हैं, तो यह आपमें फैल सकता है। बिना छूने से अबतक यह बीमारी दूसरे को नही हुआ है। यह भी प्रश्न सामने आ रहे हैं कि सेक्स करने से भी कोरोनावायरस फैलता है क्या। कई विशेषज्ञों ने कहा है कि किस करने से यह निश्चित रूप से फैल सकता है। जबकि सामने बाला पीड़ित हो। हालांकि कोरोनवायरस आमतौर पर सेक्स से नहीं फैलते हैं। उन्होंने कहा कि यदि एक बीमार व्यक्ति खाना बनाता है या यह ज्यादा लोगों वाला बुफे है, तो जोखिमों से इंकार नहीं किया जा सकता है । लेकिन भोजन को गर्म खाने या दोबारा गर्म करके खाने से वायरस को मारना चाहिए।
इन दिनों सर्दी खांसी होने पर क्या घबराना चाहिए?
डॉ झा ने बताया की कुछ हफ्तों में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच लोगों की चिंता स्वाभाविक है, लेकिन सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार या वायरल फ्लू से घबराना नहीं चाहिए। कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण सर्दी-खांसी, सीजनल या वायरल फ्लू से मिलते-जुलते हैं। ऐसे में बहुत से लोग सर्दी-खांसी, बुखार होने पर भी संशय में पड़ जाते हैं और घबरा जाते हैं कि कहीं उन्हें कोरोना वायरस तो नहीं! खांसी शरीर की एक तरह से नैचुरल डिफेंसिव एक्शन यानी प्राकृतिक रक्षात्मक प्रतिक्रिया है। हम खांस कर शरीर से बलगम, कफ, धुआं या एलर्जीन जैसी किसी भी जलन या बेकार तत्व बाहर निकालते हैं।
कोरोनावायरस के खांसी के क्या है लक्षण?
डॉ झा ने बताया की कोरोना के 60 फीसदी मामलों में सूखी खांसी प्रमुख लक्षण के रूप में सामने आया है। इसलिए खांसी होते ही लोगों की चिंता स्वाभाविक है। हालांकि सूखी और गीली खांसी में खासा अंतर सूखी खांसी तब होती है जब छाती या श्वसन तंत्र में जलन या सूजन होती है लेकिन कोई बलगम नहीं बनता यह गले में एक खरोंच जैसी चुभन देती है और इसमें कफ नहीं निकलता है। वहीं खांसी के साथ जब शरीर बलगम और कफ को बाहर निकालता है तो यह गीली कहलाती है। खांसी की स्थिति में व्यक्ति अपनी छाती और श्वसन मार्ग से नाक तक कफ महसूस कर सकता है। गीली खांसी की अपेक्षा सूखी खांसी में तरह-तरह की आवाज आती है। जैसे कि आपको गले के पीछे चुभन, खिचखिच या आवाज में कर्कशता महसूस हो।कफ वाली गीली खांसी की अपेक्षा सूखी खांसी की समस्या ज्यादा दिनों तक रह सकती है। कई बार यह इतना ज्यादा और लगातार हो सकता है कि नियंत्रण करना मुश्किल हो जाता है।गीली खांसी में हमारा श्वसन मार्ग बदल जाता है। कफ होने की स्थिति में कई बार मुंह से भी सांस लेना पड़त है। सर्दी हो तो नाक का एक छिद्र बंद हो जाता है। वहीं सूखी खांसी में श्वसन मार्ग नहीं बदलता।इतना तो आप समझ गए होंगे कि केवल सूखी खांसी कोरोना के लक्षणों में नहीं है। सूखी खांसी अक्सर धूल और धुएं से एलर्जी, साइनस, अस्थमा या टॉन्सिल संबंधी समस्या से भी हो सकती है। कोरोना के किन लक्षणों की जांच करानी चाहिए?
डॉक्टर झा ने बताया कि आपको तेज बुखार है या नहीं। सांस लेने में तकलीफ तो नहीं हो रही । यदि आप सूखी खांसी के साथ ऐसे लक्षण भी महसूस करते हैं तो आपको निश्चित ही डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इस बीच आप खांसी के लिए आप मेडिकल सलाह पर दवाएं भी ले सकते हैं । चाहें तो घरेलू उपचार भी कर सकते हैं। जैसे कि नमक के पानी से गरारे करना, शहद के साथ अदरक का सेवन करना, मुंह में लौंग रखना आदि करने से भी आराम मिलता है। लगातार खांसी हो तो आप सोते समय एक ऊंचा तकिया का उपयोग कर सकते हैं। ऐसा करना आपके सीने की जलन और गले की खराश को कम करने में मदद करेगा। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के पीड़ित हैं तो आपके मन में ये सवाल जरूर उठ रहा होगा कि क्या आपको इस ड्रग का सेवन बंद कर देना चाहिए? निश्चित ही ऐसे लोगो को बिना डॉक्टर्स की सलाह के दवाइयां बंद करने की जरूरत है। भारत में भी जिन लोगों की मौत इस जानलेवा वायरस के चलते हुई है उनकी उम्र काफी ज्यादा थी। इस मामले में दम तोड़ने वाली महिला को तो डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का मरीज भी बताया जा रहा है।