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West Bengal: कूचबिहार में मंत्री की बेटी के स्थान पर बबीता सरकार शिक्षिका के रूप में नियुक्त हुईं

शिक्षक भर्ती पैनल से रातों-रात बबीता सरकार का नाम हटा दिया गया। उसकी जगह अंकिता अधिकारी का नाम प्रतिस्थापित किया गया था जो एक समय के दबंग फॉरवर्ड ब्लॉक नेता और वर्तमान राज्य शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी की बेटी हैं।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Mon, 04 Jul 2022 08:07 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jul 2022 08:20 PM (IST)
West Bengal: कूचबिहार में मंत्री की बेटी के स्थान पर बबीता सरकार शिक्षिका के रूप में नियुक्त हुईं
बबीता सरकार को नियुक्ति पत्र सौंपतीं प्राधानाध्‍यापिका। जागरण फोटो।

चेंगड़ाबांधा (कूचबिहार), संवाद सूत्र। अखिरकार कड़ी मेहनत के बाद बबीता सरकार (Babita Sarkar) को जहां अदालत से न्याय मिली। वही सोमवार को उन्‍होंने मेखलीगंज के इंदिरा गर्ल्‍स हाई स्कूल में सह शिक्षक पद पर नियुक्त होकर कार्यभार संभाला।

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बता दें कि शिक्षक भर्ती पैनल से रातों-रात बबीता सरकार का नाम हटा दिया गया। उसकी जगह अंकिता अधिकारी (Ankita Adhikari) का नाम प्रतिस्थापित किया गया था, जो एक समय के दबंग फॉरवर्ड ब्लॉक नेता और वर्तमान राज्य शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी (Paresh Adhikari) की बेटी हैं। गत 24 नवंबर, 2016 को अंकिता ने मेखलीगंज के इंदिरा गल्र्स हाई स्कूल में राजनीति विज्ञान की शिक्षिका के रूप में प्रवेश लिया। लेकिन बबीता, जो पैनल में शीर्ष पर हैं, नौकरी नहीं मिलने के कारण उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया। करीब चार साल की लंबी सुनवाई के बाद आखिरकार अदालत ने अंकिता की नियुक्ति को अवैध करार देते हुए बबीता को उसी जगह नियुक्ति पत्र देने का निर्देश दिया। नियुक्ति पत्र मिलने के बाद उसने सोमवार को मेखलीगंज स्थित इंदिरा गल्र्स हाई स्कूल में प्रवेश किया। बबीता सरकार हो, असल में नौकरी की हकदार है उसे वापस पाकर इस वह खुश नजर आई।

इससे पहले हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने गत 17 मई को सीबीआई को अंकिता अधिकारी के नौकरी की जांच करने का निर्देश दिया था।  इसके साथ ही उसके पिता तथा राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री परेश चंद्र अधिकारी को तलब किया गया। आरोप था कि नवंबर 2017 में एसएससी परीक्षा की दूसरी मेरिट लिस्ट में नाम आया। अंकिता को, जो पहली मेरिट लिस्ट के टॉप में नाम नहीं था, लेकिन अवैध रूप से दूसरी लिस्ट में उसका नाम सबसे ऊपर लाया गया। मेधा सूची में 20 वें नंबर जो एसएससी उम्मीदवार था, उससे भी 16 नंबर कम अंकिता के नंबर थे। उसका प्राप्त नंबर 61 था। जहां 20 नंबर की प्रत्याशी बबीता का नंबर 77 था। आरोप है कि अवैध तरीके से अंकिता का नाम मेधासूची में आने से बबीता सरकार ने अपनी नौकरी खो दी। इसके बाद बबीता ने कलकत्ता हाई कोर्ट में केस दायर किया। आखिरकार बबीता ने केस जीत ही लिया।

वही सीबीआई ने जांच ने साबित कर दिया कि अंकिता अधिकारी की नियुक्ति अवैध थी। बाद में 20 मई को, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अंकिता को स्कूल में नौकरी से बर्खास्त करने का फैसला सुनाया। साथ ही पूरा वेतन वापस करने के निर्देश दिए। इधर बबीता सरकार ने सोमवार को सह-शिक्षक के रूप में मेखलीगंज इंदिरा गर्ल्स हाई स्कूल में प्रवेश लिया। उन्‍होंने अदालत पर भरोसा जताया। साथ ही कहा कि अन्य नौकरी चाहने वालों को भी न्याय मिलेगा। वहीं इंदिरा गर्ल्स हाई स्कूल की प्रधानाध्यापिका रंजना रॉय बसुनिया ने कहा कि नए शिक्षक को पाकर हमें खुशी है। स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष अमिताभ वर्धन चौधरी भी नए शिक्षक को पाकर खुश हैं। भाजपा सीपीएम सहित अन्य दलों के प्रतिनिधियों ने इस दिन बबीता का स्वागत किया।


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