West Bangal: भतीजे को मृत बताकर बीमा के 10 लाख निकाले, चाचा गिरफ्तार
भतीजे को मृत बताकर लगभग 10 लाख रुपये के बीमे की रकम की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने आरोपित व्यक्ति को गिरफ्तार किया है
हावड़ा, जागरण संवाददाता। भतीजे को मृत बताकर लगभग 10 लाख रुपये के बीमे की रकम की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने आरोपित व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। उसका नाम अनूप दास है। वह आमता के उदंग जेलेपाड़ा का रहने वाला है। वहीं धोखाधड़ी में शामिल आरोपित की पत्नी श्यामली दास घटना के बाद फरार है। आरोपित को उलबेड़िया अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। उक्त घटना उलबेड़िया थाना इलाके की है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अनूप दास ने चार साल पहले अपने भतीजे सैकत दास के नाम पर दो जीवन बीमा योजना खरीदी थी। उसने पालिसी के कागजात में सैकत के अभिभावक के रूप में अपनी पत्नी श्यामली दास का नाम दर्ज कराया था। जीवन बीमा निगम के उलबेड़िया शाखा सूत्रों के अनुसार बीमा कराने के चार साल के बाद अनूप ने अपने भतीजे का फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर दोनों बीमा योजनाओं की 3,04920 और 6,50911 रकम प्राप्त कर ली। महज कुछ माह के अंतराल में जीवन बीमा के लगभग दस लाख रूपये प्राप्त करने के बाद जीवन बीमा के स्थानीय शाखा के अधिकारियों ने श्यामली दास से उक्त रुपये को भविष्य की सुरक्षा के लिए निवेश करने की सलाह दी।
हालांकि श्यामली ने ऐसे करने से मना कर दिया। इस पर बीमा अधिकारियों को संदेह हुआ। उन्होंने सैकत दास के बीमा एजेंट को सैकत के बारे में जानकारी जुटाने को कहा। एजेंट ने जब सैकत के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की तो उसके होश उड़ गए। पता चला कि सैकत अभी जीवित है। जबकि उसके चाचा ने उसे मृत बताकर बीमा की रकम उठा ली है। एजेंट ने इसकी जानकारी स्थानीय बीमा अधिकारियों को दी। तत्पश्चात बीमा अधिकारियों के निर्देश पर सैकत उलबेड़िया स्थित जीवन बीमा कार्यालय पहुंच अपने जीवित होने का प्रमाण दिया। इस पूरे प्रकरण का भंडाफोड़ होने पर जीवन बीमा निगम के उलबेड़िया शाखा के मुख्य प्रबंधक गोराचांद साहू ने अनूप दास को किसी बहाने उलबेड़िया डाक घर बुलाया।
इधर इस बात की जानकारी पुलिस को दे दी गई। अनूप के वहां पहुंचते ही पहले से मौजूद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। मामले में अनूप की पत्नी श्यामली दास के खिलाफ भी प्राथमिक दर्ज कराई गई है। हालांकि वह फरार चल रही है। बीमा अधिकारियों के अनुसार बीमा कराने के तीन साल के बाद मृत्यु होने पर केवल कागजात के आधार पर बीमा की रकम दे दी जाती है। अन्य तथ्यों की जांच नहीं की जाती है। इसी का फायदा उठाते हुए आरोपित ने ऐसा किया। बताया जा रहा है कि आरोपित अनूप इससे पहले भी एकाधिक बीमा धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दे चुका है। अनूप पर कई अन्य बैंकों से भी इसी प्रकार के फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। पुलिस इस पूरे मामले में जांच कर रही है।