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विनय तामांग ने कहा- विकास के लिए आठ मुद्दों पर लड़ेंगे चुनाव, पहाड़ में सबसे ताकतवर पार्टी है तृणमूल व मोर्चा

107 वर्ष से गोरखालैंड में अधिक से अधिक जनता शहीद हो चूकि है पर आज भी गोरखालैंड चुनावी मुद्दा मात्र बना है। इस मुद्दा को चुनावी मुद्दा मात्र नहीं बनाने की अपील की है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 04:06 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 12:40 PM (IST)
विनय तामांग ने कहा- विकास के लिए आठ मुद्दों पर लड़ेंगे चुनाव, पहाड़ में सबसे ताकतवर पार्टी है तृणमूल व मोर्चा
विनय तामांग ने कहा- विकास के लिए आठ मुद्दों पर लड़ेंगे चुनाव, पहाड़ में सबसे ताकतवर पार्टी है तृणमूल व मोर्चा

कलिम्पोंग, जेएनएन। गोजमुमो अध्यक्ष विनय तामांग ने कहा कि हिल्स के विकास के लिए मुख्य रूप से वे आठ मुद्दों पर चुनाव का मुद्दा होगा। उत्तर बंगाल एवं पहाड़ में अभी तक सबसे शक्तिशाली पाठी तृणमूल कांग्रेस एवं मोर्चा है। दोनों के गठबंधन के कारण इसे हराना काफी मुश्किल है।

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इससे पहले सिंटोंग में मोर्चा की ओर से प्रत्याशी अमर सिंह राई के समर्थन में चुनाव सभा का आयोजन किया गया। बातचीत करते हुए विनय तामांग ने आगे कहा कि इस बार अमर सिंह राई करीब डेढ़ से दो लाख वोट के अंत से चुनाव में जीत दर्ज करेंगे। मुख्य रूप से अब कई मुद्दों पर चुनाव लड़ा जाएगा।

उन्होंने कहा कि गोरखाओं की पहचान व सुरक्षा के लिए काम करना, 11 जनजाति के मुद्दे को हासिल करना, चाय बागान एवं सिन्कोना बगान के लिए पर्चा पट्टा, डीआई फंड की जमीन लैंड रिफार्म में समावेश कर जीटीए में अन्तभरुक्त करने, नेपाली भाषा को लिगिंवस्टिक माइनोरिटी का दर्जा दिलाने, चाय श्रमिक एवं सिन्कोना श्रमिक के लिए न्यूनतम वेजेज लागु करने, जीटीए के संवैधानिक मान्यता होने सहित अन्य शामिल है।

उन्होंने कहा कि पहाड़ में भूमि होने वाले वन टाइम सेंटलमेंट की बात लगभग पहुंच हाल चल रहे राजनीतिक प्यार के कारण पहाड़ में काफी विकास का कार्य हो चूका है। इसके साथ ही विनय तामांग शनिवार को सिलीगुड़ी में 4 विधानसभा के टीएमसी के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक, रविवार को हिल टीएमसी एवं विभिन विकाश बोर्ड के साथ बैठक करेंगे। 19 मार्च के दिन गोरखा स्टेडियम में टीएमसी एवं मोर्चा के बीच कर्मी सभा संबोधित करेंगे। जिसमें मंत्री अरूप विश्वास अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

वही तामांग ने अलग गोरखालैंड के लिए मुख्य बाधा 1950 के भारत-नेपाल मैत्री समझौता होने की बात कही। उन्होंने कहा कि हर एक चुनाव में अलग गोरखालैंड के नाम पर वोट लड़ा जाता आ रहा है। पर 107 वर्ष से गोरखालैंड में अधिक से अधिक जनता शहीद हो चूकि है पर आज भी गोरखालैंड चुनावी मुद्दा मात्र बना है।इस मुद्दा को चुनावी मुद्दा मात्र नहीं बनाने की अपील किया।


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