हिंसक संघर्ष की विहिप ने की निंदा
-दोषियों का तत्काल गिरफ्तार करने की मांग -कोरोना से निपटने के लिए सबसे एकजुट होने की
-दोषियों का तत्काल गिरफ्तार करने की मांग
-कोरोना से निपटने के लिए सबसे एकजुट होने की अपील
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: बंगाल में एक ही दिन में दो स्थानों पर हिंसक संघर्ष की विश्व हिंदू परिषद और सेवा भारती ने तीव्र निंदा की है। इसके दोषियों को सरकार से अविलंब पकड़कर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। ऐसा नहीं होने पर व्यापक आदोलन किया जाएगा। उत्तर बंगाल विहिप की ओर से प्रातीय संगठन मंत्री अनूप मंडल, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण बंसल, जिलाध्यक्ष सुदीप्त मजूमदार, जिला सचिव राकेश अग्रवाल, सेवा प्रमुख सुशील रामपुरिया ने कहा कि रविवार को हुगली जिले के तेलीनिपाड़ा और मालदा के चादीपुर में दोनों समुदायों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। उन्होंने राज्य प्रशासन से निष्पक्ष कार्रवाई की अपील की है। उन्होंने कहा है कि आज हम जब कोरोना संक्रमण के खिलाफ निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं। तब इस तरह के सामुदायिक टकराव चिंताजनक है। मालदा के हरिशचंद्रपुर थाना अंतर्गत चादीपुर इलाके में दो गुटों के बीच टकराव बेहद चिंता का विषय है। सेवा भारती की ओर से सुनील शाह , पंकज झा ने सरकार से माग की है कि कोरोना जैसे महामारी के समय सरकार तुष्टिकरण की राजनीति से ऊपर उठकर इससे जुड़े लोगों के खिलाफ त्वरित कदम उठाये।जिससे इस प्रकार की सोच रखने बाले लोग अपना सर नही उठा सके। बजरंग दल के पूर्व संयोजक को श्रद्धांजलि
सिलीगुड़ी: बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक तथा वर्तमान में पश्चिम ओडिशा विकास परिषद के अध्यक्ष सुभाष चौहान के निधन पर विहिप की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी। वे 54 वर्ष के थे। उन्होंने भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में रविवार तड़के अंतिम सास ली। वह कैंसर से पीड़त थे तथा कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन से कई गणमान्य लोगों ने शोक व्यक्त किया है। सुभाष चौहान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे। उन्होंने संघ में विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक की जिम्मेदारी भी संभाली थी। उसके बाद वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और 2014 के लोकसभा चुनाव में बरगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़े। वह कुछ हजार मतों से पराजित हुए थे। 2019 के चुनाव में उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया था। इसके बाद चुनाव से पूर्व ही वह बीजू जनता दल में शामिल हो गये थे। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उन्हें पश्चिम ओडिशा विकास परिषद के अध्यक्ष के रूप में नामित किया था।