ना रोजी ना रोजगार,चलो हम तो फिर से हुए परदेसी
- कोरोना का डर छोड़ लोग निकले कमाने -जाने के लिए नहीं मिल रही है ट्रेनों में सीट -अगले 15 ि
- कोरोना का डर छोड़ लोग निकले कमाने
-जाने के लिए नहीं मिल रही है ट्रेनों में सीट
-अगले 15 दिनों तक सभी बुकिंग फूल
जागरण विशेष
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जून से चल रही है श्रमिक स्पेशल ट्रेन
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श्रमिक स्पेशल ट्रेनें एनजेपी भी आई थी
-एनएफ रेलवे से कोलकाता दिल्ली अमृतसर तथा मुंबई के लिए कुल 6 ट्रेनों का होता है परिचालन अगले महीने 15 सितंबर तक किसी भी ट्रेनों में सीट की नहीं है उपलब्धता
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना वायरस महामारी के बीच ही जीवन पटरी पर लौटने लगी है। डर को छोड़कर लोग दैनिक जीवन यापन में वापस लौटने लगे हैं। अब तो कोरोना डर छोड़कर अपनी रोजी-रोटी के जुगाड़ में लोग घर से प्रदेश के तरफ निकल चले हैं। जो श्रमिक प्रदेश से लौटे थे,वे एक बार फिर से परदेसी होने लगे हैं। 30 जून तक विभिन्न प्रदेशों में फंसे कामगारों और विद्याíथयों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही थी। विभिन्न राज्यों में फंसे कामगारों तथा विद्याíथयों को लेकर 79 स्पेशल ट्रेनें एनजेपी भी आई थी। जिनमें दाíजलिंग और सिक्किम समेत उत्तर बंगाल के अन्य जिलों के लोग शामिल थे। यहां आकर कोई खास फायदा हुआ नहीं। पेट की भूख मिटाने के लिए ये सभी एक बार फिर से परदेसी हो रहे हैं। जहां से आए थे वहीं रोजी रोजगार की तलाश में लौट रहे हैं। लेकिन अब इन्हें लौटने में परेशानी हो रही है। क्योंकि नियमित ट्रेन सेवा नहीं है। कुछ स्पेशल ट्रेनें ही चल रही है। इन्हीें से इनको वापस लौटना है। अब नौकरी करने जाने के लिए इनको ट्रेन में टिक नहीं मिल रहे हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की एनएफ रेलवे सीमा क्षेत्र से से दिल्ली,मुंबई,कोलकाता तथा अमृतसर के लिए एनजेपी के रास्ते जाने वाली ट्रेनों में अगले 15 दिनों तक के लिए सभी सीटें बुक हो चुकी हैं। एनएफ रेलवे द्वारा मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली, कोलकाता, मुंबई तथा अमृतसर के लिए फिलहाल छह ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। इनमें दो एसी स्पेशल ट्रेन हैं,जबकि चार नॉन एसी ट्रेनें हैं। यही स्थिति एनजेपी से गुवाहाटी व डिब्रूगढ़ जाने वाली ट्रेनों की भी है। एनजेपी होते हुए गुवाहाटी व डिब्रूगढ़ तक भी सभी छह ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। इन जगहों के लिए भी जाने वाली ट्रेनों में अगले 15 दिन तक के लिए सीट बुक है। उल्लेखनीय है कि देश में कोरोनावायरस की महामारी शुरू होने के बाद 24 मार्च से पूरे देश में ट्रेनों का परिचालन ठप कर दिया गया है। हालाकि विभिन्न राज्यों में फंसे हुए लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए 1 मई से श्रमिक की स्पेशल ट्रेन चालू की गई थी, जबकि 12 जून से कुछ चुनिंदा रूटों पर पैसेंजर स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया था जो फिलहाल जारी है। पूर्वोत्तर से काफी संख्या में लोग दिल्ली समेत उत्तर भारत व दक्षिण भारत के राज्यों में नौकरी के लिए जाते हैं। जिस तरह से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं,इसे देखते हुए अगले एक से डेढ़ महीने तक ट्रेन सेवा स्वभाविक होने की संभावना नहीं है। यह सब रेल मंत्रालय पर निर्भर है कि ट्रेनों का परिचालन कब स्वभाविक होगा।
- रविंद्र कुमार वर्मा,डीआरएम,कटिहार