ट्रेन में बैठे-बैठे उसकी छत से भी पूर्वोत्तर भारत की हसीन वादियों को देख सकेंगे पर्यटक, जानिए कैसे?
पूर्वोत्तर भारत में पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए एनएफ रेलवे ने खास तैयारी की है। आपको इस क्षेत्र में हसीन वादियों को दिखाने के लिए रेलवे ने विस्टाडोम कोच लगाने का फैसला किया है।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 10:02 AM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 10:02 AM (IST)
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। अब आप पूर्वोत्तर की हसीन वादियों को ट्रेनों में बैठे-बैठे ही देख सकेंगे। इसके लिए पहाड़ी क्षेत्रों से होकर गुजरनेवाली ट्रेनों में विस्टाडोम कोच लगाए जाएंगे। इसके माध्यम से आप खिड़की से तो प्रकृति के नजारों का लुत्फ उठा ही सकते हैं, छत से भी ऊंचे पेड़ों और पहाड़ों की चोटियों को देख पाएंगे। एनएफ रेलवे इसकी तैयारी में जुट गया है।
एनएफ रेलवे के सीपीआरओ प्रणव ज्योति शर्मा ने बताया कि रेल मंत्री पियूष गोयल के निर्देश के मुताबिक एनएफ रेलवे अंतर्गत प्राकृतिक सुंदरता वाले मार्गों पर विस्टाडोम कोच लगाने के निर्देश गत दिनों एनएफ रेलवे मुख्यालय में एक समीक्षा बैठक के दौरान जारी किए गए।
बताया गया कि ऐसे कोच तैयार करने को कहा गया है, जिससे आस-पास के दृश्यों को देखा जा सके, जो रेल यात्रा को यादगार बनाएंगे। लोगों को पूर्वोत्तर भारत की सुंदरता का आनंद लेने में मदद करेंगे, जिसके लिए पूर्वोत्तर भारत जाना जाता है। उन्होंने बताया कि विस्टाडोम कोचों को कांच के माध्यम से यात्रियों को मनमोहक वादियों को आनंद लेने के लिए डिजाइन किया गया है। यात्री डिब्बों की कांच से तैयार उपरी छत के माध्यम से बाहर के दृश्यों का आनंद लेने में सक्षम होंगे। यह पूर्वोत्तर भारत में पर्यटन को और बढ़ावा देगा तथा देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
उल्लेखनीय है कि एनएफ रेलवे ने पहले ही डीएचआर के तहत चलाई जाने वाली यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज दर्जा प्राप्त विश्व प्रसिद्ध ट्वॉय ट्रेन में विस्टाडोम कोच लगाया, जो पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुका है। दार्जिलिंग से घूम के बीच चलने वाली ट्वॉय ट्रेन की ज्वॉय राइड सेवा में विस्टाडोम कोच लगाए गए हैं। डीएचआर विस्टाडोम कोच, स्वचालित स्लाइडिंग कंपार्टमेंट दरवाजे, मल्टीपुल टेलीविजन सेवाओं समेत अन्य विशेषताओं से युक्त हैं। बताया गया कि मुंबई-गोवा मार्ग, विशाखापत्तनम-अरकू रेल मार्ग, कालका-शिमला रेलवे तथा जन-शताब्दी रेलवे में विस्टाडोम कोच लगाए गए हैं। लामडिंग में बदरपुर पहाड़ी खंड, कुमारघाट-अगरतला पहाड़ी खंड, असम के कुछ हिस्सों व उत्तर बंगाल के डुवार्स में प्राकृतिक सुंदरता वाले क्षेत्र हैं। एनएफ रेलवे इन रेल खंडों को विस्टाडोम कोच प्रारंभ करने के लिए चयनित किया गया है।
एनएफ रेलवे के सीपीआरओ प्रणव ज्योति शर्मा ने बताया कि रेल मंत्री पियूष गोयल के निर्देश के मुताबिक एनएफ रेलवे अंतर्गत प्राकृतिक सुंदरता वाले मार्गों पर विस्टाडोम कोच लगाने के निर्देश गत दिनों एनएफ रेलवे मुख्यालय में एक समीक्षा बैठक के दौरान जारी किए गए।
बताया गया कि ऐसे कोच तैयार करने को कहा गया है, जिससे आस-पास के दृश्यों को देखा जा सके, जो रेल यात्रा को यादगार बनाएंगे। लोगों को पूर्वोत्तर भारत की सुंदरता का आनंद लेने में मदद करेंगे, जिसके लिए पूर्वोत्तर भारत जाना जाता है। उन्होंने बताया कि विस्टाडोम कोचों को कांच के माध्यम से यात्रियों को मनमोहक वादियों को आनंद लेने के लिए डिजाइन किया गया है। यात्री डिब्बों की कांच से तैयार उपरी छत के माध्यम से बाहर के दृश्यों का आनंद लेने में सक्षम होंगे। यह पूर्वोत्तर भारत में पर्यटन को और बढ़ावा देगा तथा देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
उल्लेखनीय है कि एनएफ रेलवे ने पहले ही डीएचआर के तहत चलाई जाने वाली यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज दर्जा प्राप्त विश्व प्रसिद्ध ट्वॉय ट्रेन में विस्टाडोम कोच लगाया, जो पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुका है। दार्जिलिंग से घूम के बीच चलने वाली ट्वॉय ट्रेन की ज्वॉय राइड सेवा में विस्टाडोम कोच लगाए गए हैं। डीएचआर विस्टाडोम कोच, स्वचालित स्लाइडिंग कंपार्टमेंट दरवाजे, मल्टीपुल टेलीविजन सेवाओं समेत अन्य विशेषताओं से युक्त हैं। बताया गया कि मुंबई-गोवा मार्ग, विशाखापत्तनम-अरकू रेल मार्ग, कालका-शिमला रेलवे तथा जन-शताब्दी रेलवे में विस्टाडोम कोच लगाए गए हैं। लामडिंग में बदरपुर पहाड़ी खंड, कुमारघाट-अगरतला पहाड़ी खंड, असम के कुछ हिस्सों व उत्तर बंगाल के डुवार्स में प्राकृतिक सुंदरता वाले क्षेत्र हैं। एनएफ रेलवे इन रेल खंडों को विस्टाडोम कोच प्रारंभ करने के लिए चयनित किया गया है।
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