हाइटेक विधि से की जा रही है टमाटर की खेती
एनबीयू कोफाम व हार्टिकल्चर सोसाइटी कर रही है, तकनीकी सहयोग -पूर्वोत्तर के राज्यों में की जा रही है उत्पादित टमाटरों की आपूर्ति ।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। फांसीदेवा प्रखंड के लिउचीपाखरी में एक प्रगतिशील उद्यमी ने ऑफ सीजन में हाइटेक पद्धति से टमाटर की खेती करने में सफलता हासिल की है।
उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर फ्लोरी-एग्रीकल्चर बिजनेस मैनेजमेंट सेंटर व हॉर्टिकल्चर सोसाइटी ऑफ वेस्ट बंगाल के तकनीकी सहयोग से एक एकड़ जमीन पोली हाउस तैयार कर टमाटर की खेती की जा रही है। खेत में टमाटर की पैदावार भी शुरू हो गया है।
सोमवार को सिलीगुड़ी महकमा परिषद के अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी प्रेम कुमार बरदावा समेत हॉर्टिकल्चर सोसाइटी ऑफ वेस्ट बंगाल व कोफाम के अधिकारियों ने उक्त जगह का भ्रमण कर टमाटर की खेती का जायजा लिया। इसके अलावा उन्होंने इसकी खेती के प्रति अन्य किसानों को भी जागरूक करने पर बल दिया।
कोफाम के तकनीकी अधिकारी अमरेंद्र पांडेय ने बताया कि उद्यमी डीलन घोष दोस्तीदार द्वारा दो महीने पहले टमाटर के पौध लगाए गए। अब इसका उत्पादन भी शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि इसकी आपूर्ति पूर्वोत्तर के राज्यों में की जा रही है। इतने बड़े स्तर पर राज्य में पहली बार ऑफ सीजन में हाइटेक विधि से टमाटर की खेती की जा रही है।
जो पोली हाउस तैयार किया गया है, उसमें इजराइली तकनीकी के पंखे व फब्बारे वाले मशीन लगाए गए हैं। ताकि टमाटर के पौधों को अनुकूल तापमान मिल सके। उन्होंने बताया कि ऑटोमेटिक फर्टिगेशन सिस्टम से खुराक दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इलाके के अन्य किसान भी ऑफ सीजन में टमाटर की खेती करने के लिए आगे आएं, इसके लिए कोफाम द्वारा हर संभव तकनीकी सहयोग व प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।