अस्पतालों में तीन रंग की बिछाई जा रही हैं चादरें
सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में अब बेड पर सात दिनों में सात रंग के चादर बिछाए जाने की निर्देशिका केंद्र सरकार की ओर से जारी कर दी गई है
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में अब बेड पर सात दिनों में सात रंग के चादर बिछाए जाने की निर्देशिका केंद्र सरकार की ओर से जारी कर दी गई है। जबकि सिलीगुड़ी जिला अस्पताल समेत जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों व उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में सात दिनों में तीन रंग के ही चादर बिछाए जा रहे हैं।
बताया गया कि फंड की कमी से पर्याप्त संख्या में चादर सात रंग चादर नहीं खरीदे जाने से तीन रंग के ही चादर बिछाए जा रहे हैं। दार्जिलिंग जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रलय आचार्य ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से अलग-अलग दिन में अलग-अलग रंग के चादर बिछाने का आर्डर मिला है। इस पर अमल भी किया जा रहा है। फिलहाल तीन रंग के चादर बिछाए जा रहे हैं। राशि की मांग की गई है। राशि मिलने के साथ ही सात रंग के चादर सात दिनों में बिछाए जाएंगे।
यह व्यवस्था जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में लागू की जा रही है। चादर मंगाने के आर्डर दे भी दिए हैं। बताया गया कि यह व्यवस्था नेशनल क्वालिटी इंश्योरेंश स्टैंडर्ड के तहत शुरू की जा रही है, जिसे इस वर्ष एक अप्रैल से लागू कर दिया गया है। इसके लिए केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पतालों को निर्देश फरवरी में ही जारी कर दिये थे।
एनबीएमसीएच के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एनबीएमसीएच में फिलहाल स्वीकृत बेडों की संख्या 599 है। पहले हरे रंग के ही चादर बेडों पर बिछाए जाते थे। बाद में हरे रंग के अलावा हल्का नीला, गुलाबी व सफेद रंग की चादर बिछाए जाने लगे। हालांकि इसके लिए किसी तरह का दिन निर्धारित नहीं किया गया है। चादरों की धुलाई व खराब हो चले चादर की जगह नई चादर रोगी कल्याण समिति की राशि से खरीदी जाती है। अलग-अलग दिनों में अलग-अलग रंग के चादर बिछाने की प्रक्रिया अब शुरू होने जा रही है।
सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार मरीजों व उनके परिजनों की अक्सर शिकायत रहती थी, कि बेड पर चादर नहीं बदले जाते हैं। एक ही चार कई दिनों तक बेड पर पड़े रहते हैं। सात दिनों में सात रंग के चादर बदलने के पीछे मरीजों की उन शिकायतों को दूर करना है। ताकि हर दिन अलग-अलग रंग के चादर बिछाए जाएंगे, जिससे प्रत्येक दिन बेडों से चादर बदला जा सकेगा।