Move to Jagran APP

स्वच्छता सर्वे की रिपोर्ट पर मंत्री और मेयर ने जताया संदेह

-नगर की सफाई व्यवस्था को लेकर साधा एक दूसरे पर निशाना -25 गंदे शहरों में दार्जिलिंग-सिलीगुड़ी समे

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 10:25 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 10:25 PM (IST)
स्वच्छता सर्वे की रिपोर्ट पर मंत्री और मेयर ने जताया संदेह
स्वच्छता सर्वे की रिपोर्ट पर मंत्री और मेयर ने जताया संदेह

-नगर की सफाई व्यवस्था को लेकर साधा एक दूसरे पर निशाना

loksabha election banner

-25 गंदे शहरों में दार्जिलिंग-सिलीगुड़ी समेत बंगाल के 19 जिले हैं शामिल

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : केंद्रीय शहरी मंत्रालय द्वारा देश के सबसे स्वच्छ व गंदे शहरों के कराए गए सर्वे में देश के 25 गंदे शहरों में दार्जिलिंग व सिलीगुड़ी समेत राज्य के 19 शहरों को शामिल किए जाने की रिपोर्ट की प्रमाणिकता पर संदेह राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव मेयर अशोक भट्टाचार्य ने व्यक्त की हैं। हालांकि सिलीगुड़ी शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर दोनों नेताओं ने एक दूसरे पर निशाना भी साधा। मंत्री ने कचरा निस्तारण में नगर निगम को फेल रहने के लिए मेयर को जिम्मेदार ठहराया, वहीं मेयर ने सीवर सिस्टम, कचरा प्रबंधन व अंडर ग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम के लिए राज्य सरकार से आर्थिक सहायता नहीं मिलने का आरोप लगाया।

सिलीगुड़ी के मैनक टूरिस्ट लॉज स्थित पर्यटन विभाग के कार्यालय पर सोमवार को सर्वे रिपोर्ट पर पर्यटन मंत्री गौतम देव ने संदेश प्रकट करते हुए कहा कि 201 9 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल की छवि नकारात्मक बनाने का यह एक हथकंडा है। पता नहीं अध्ययन के कौन से पैरामीटर तय किये गए। कुछ अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण रिपोटरें ने भिन्न रिपोर्ट दीं हैं। लगता है इसका लोकसभा चुनाव में भी इस्तेमाल किया जाएगा। दार्जिलिंग पार्वत्य शहर की सफाई की जाच के लिए दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के सासद व केंद्रीय राज्यमंत्री एस.एस अहलूवालिया की भी जिम्मेदारी भी थी। सांसद अहलूवालिया और पूर्व जीटीए प्रमुख बिमल गुरुंग अपनी जिम्मेदारियों से नहीं बच सकते। दार्जिलिंग में गुरुंग के समय काफी नुकसान हुआ था। सासदों की कचरा प्रबंधन व शहर नियोजन प्रबंधन को देखने की जिम्मेदारी है। अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग में हमेशा सुधार होने की बात कही। सिलीगुड़ी में स्वच्छता में कमी होने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि सिलीगुड़ी की स्थिति का पता लगाने के लिए कोई सर्वेक्षण की आवश्यकता नहीं है। कचरा निस्तारण पर ध्यान नहीं दिया जाता है। जहां-तहां कचरे फेंक दिए जाते हैं। निगम बोर्ड अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं कर रहा है।

दूसरी ओर मेयर ने भी रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि किन-किन बिंदुओं पर सर्वे किया गया है। यह स्पष्ट नहीं है। यहां पर सीवर सिस्टम, कचरा प्रबंधन व अंडर ग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम का अभाव है। ममता सरकार को बार-बार पत्र लिखने के बाद भी आर्थिक सहायता नहीं मिल रही है। इस समस्या की जानकारी दिल्ली जाकर केंद्रीय शहरी मंत्रालय को भी दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.