सावन महीने का पहला सोमवार का खास महत्व और भक्तों को ऊर्जा देने वाला माना जाता है
शिवपुराण के अनुसार, सावन मास के सोमवार को भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों की मनोकामना शीघ्र और अवश्य ही पूरी होती है।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। सावन के पहले सोमवार को शहर में हर तरफ भगवान भोलेनाथ की जयकार होती रही। शिवमंदिरों की ओर जाने वाले रास्तों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। बोल बम का उद्घोष हर तरफ सुनाई दे रहा है। जलाभिषेक के लिए अलसुबह से ही मंदिरों में लंबी कतार लगी हुई है।
सावन के पवित्र महीने का पहला सोमवार आ गया है। महादेव के भक्तों के लिए सावन महीने का पहला सोमवार, खास महत्व का और भक्तों को ऊर्जा देने वाला माना जाता है। देश के विभिन्न राज्यों में स्थित भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों की इस दिन विशेष आराधना की जाती है। वैसे तो भगवान शंकर के सभी मंदिरों में सावन मास के पहले सोमवार को भक्तों की भीड़ जुटती है।
आज सावन का पहला स्नान
माना जाता है कि गंगा स्नान के बाद भगवान शंकर का जलाभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पुराणों और शास्त्रों में वर्णित माहात्म्य के अनुसार सावन मास के पहले सोमवार को भगवान शंकर की आराधना करने वाले भक्तों की न सिर्फ सभी इच्छाएं पूरी होती हैं, बल्कि भक्तों को जीवन की बाधाओं से भी मुक्ति मिलती है।
कैसे करें भगवान शंकर की पूजा
वैसे तो सावन का पूरा महीना ही भगवान शंकर को प्रिय है। लेकिन सोमवार का दिन इस पूरे महीने में खास महत्व रखता है। भगवान शंकर की आराधना के लिए कई भक्त सावन मास में पड़ने वाले हर सोमवार को व्रत रखते हैं। सुबह में स्नान-ध्यान के बाद वे भोलेनाथ की पूजा कर शाम को व्रत का उद्यापन करते हैं। वहीं, जो भक्त इस दिन व्रत नहीं रखते, वे भी सुबह-सुबह स्नान के बाद भोलेनाथ के मंदिरों में जल चढ़ाने के लिए पहुंचते हैं।
पंडितों के अनुसार, इस दिन स्नान के बाद बेल-पत्र से भगवान शिव की पूजा को विशेष फलदायक माना गया है।शिवपुराण के अनुसार, सावन मास के सोमवार को भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों की मनोकामना शीघ्र और अवश्य ही पूरी होती है।
सोमवार की आराधना के लाभ
– सावन मास के पहले सोमवार को भगवान शंकर की आराधना करने से न सिर्फ रुके हुए काम पूरे होते हैं, बल्कि भक्तों पर भगवान की विशेष कृपा होती है।
– सावन के पवित्र मास में सोमवार को शिव की पूजा करने वाली युवतियों को मनोवांछित वर प्राप्त होता है। वहीं, युवकों को भी उनकी पसंद की कन्या मिलती है।
– सोमवार के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने वाले भक्तों पर भगवान प्रसन्न होते हैं। कहा गया है कि जिनके विवाह आदि में रुकावट आ रही हो, उन्हें निश्चित रूप से सावन मास के सोमवार का व्रत करना चाहिए।
– जिन भक्तों ने पहले सावन के सोमवार का व्रत नहीं किया है, वे भी सावन मास के पहले सोमवार से इस व्रत की शुरुआत कर सकते हैं।
वैसे, पूरा शहर शिवभक्ति में लीन दिखाई दे रहा है। गेरुआ वस्त्रधारी कांवरिए इसे और खास बना रहे हैं। चादमुनी मंदिर, कम्बलपट्टी, खालपाड़ा नंदेश्वर मंदिर, सेवक स्थित शिव मंदिर में काफी भीड़ लगी हुई है। इस्कॉन मंदिर की भी यही स्थिति है। जलपेश और बाबाधाम जाने बाले शिव भक्तों ने भी यात्रा शुरू करने के पहले अपने घर के बाबा को मनाने में लगे हैं।
खोरीबारी, माटीगाड़ा ,नक्सलबाड़ी और बागडोगरा के कई मंदिरों में भक्तों का ताता लगा है। मंदिरों के बाहर पुलिस की ओर से सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं में महिलाओं की संख्या ज्यादा है।