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दस साल पहले हुआ पुल का शिलान्यास लेकिन आज तक नहीं बन सका

करीब दस साल पहले शिलान्यास होने के बाद भी अभी मेखलीगंज ब्लॉक के बांग्लादेश सीमावर्ती डांगारहाट डाकुरपाड़ा में पक्का पुल का निर्माण पूरा नहीं हो सका। इसको लेकर ग्रामीण आक्रोशित हैं।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Tue, 18 Dec 2018 10:49 AM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 10:49 AM (IST)
दस साल पहले हुआ पुल का शिलान्यास लेकिन आज तक नहीं बन सका
चेंगड़ाबांधा [जागरण संवाददाता]। वाम मोर्चा के शासनकाल में शिलान्यास होने के बाद भी अभी मेखलीगंज ब्लॉक के बांग्लादेश सीमावर्ती बागडोकरा-फूलकाडाबरी ग्राम पंचायत के डांगारहाट डाकुरपाड़ा में पक्का पुल का निर्माण पूरा नहीं हो सका। जर्जर व कमजोर लकड़ी के पुल से जान जोखिम में डालकर लोग आवागमन कर रहे हैं। बार-बार आश्वासन के बाद भी काम न होने पर ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा और सड़क पर उतर कर आंदोलन किया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल की हालत इतनी दयनीय है कि वैन, रिक्शा व टोटो चालक वाहन लेकर इससे गुजरने से कतराते हैं। अभी गत दिवस ही सोमवार को पुल पार करने के क्रम में एक राहगीर का पैर पुल के टूटे हिस्से में फंस गया। पक्का व स्थाई पुल निर्माण की मांग को लेकर करीब एक घंटे तक विरोध प्रदर्शन के बाद जिला परिषद की सदस्य फुलती राय, ग्राम पंचायत के प्रधान जगबंधु राय घटनास्थल पर पहुंचे। स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों को घेरकर समस्या बताई। साथ ही एक-दो दिनों में प्रशासनिक कार्यालय में जाकर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी। कूचबिहार जिला परिषद की सदस्य फुलती देवी ने कहा कि पुल की हालत काफी दयनीय है। कभी भी दुर्घटना घट सकती है। ग्रामीणों की नाराजगी जायज है। उन्होंने स्थाई पुल निर्माण के लिए उत्तर बंगाल विकास मंत्री का ध्यान आकर्षित करने का आश्वासन दिया है।
स्थानीय ग्राम पंचायत प्रधान कोयेल राय अधिकारी ने कहा कि जल्द पक्का पुल नहीं बनाया गया तो दुर्घटना की आशंका बनी रहेगी। मेखलीगंज ब्लॉक के बीडीओ संजीव घोष ने कहा कि यह पुल तीस्ता सेतु कंस्ट्रक्शन विभाग के अधीन है। संबंधित विभाग की ओर से शीघ्र लकड़ी के पुल की मरम्मत के लिए काम शुरू करने का आश्वासन दिया गया है। उल्लेखनीय है कि वाम शासनकाल में वर्ष 2009 में तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री क्षिति गोस्वामी ने बागडोकरा-फूलकाडाबरी ग्राम पंचायत के डांगारहाट डाकुरपाड़ा में पक्के पुल का शिलान्यास किया था। 10 साल बाद भी यहां पक्का पुल नहीं बना।  

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