तीस्ता नदी के 2 किमी में विभ्न्नि प्रजाति की मछलियां मरी हुई पानी के ऊपर तैरती मिली
वर्ष 2011 व 2015 में मई महीने में जलपाईगुड़ी शहर से सटे करला लदी और 2012 में तीस्ता नदी के किनारे भी कई मछलियां मरी हुई मिली थी।
जलपाईगुड़ी, [जागरण संवाददाता] । नदी में कीटनाशक व जहर डालकर मछली पकड़ने की खबर मिलते ही मत्स्य दफ्तर हरकत में आई। जिला प्रशासन को मिली सूचना के अनुसार जलपाईगुड़ी सदर ब्लाक के मंडलघाट ग्राम पंचायत के अंर्तगत तीस्ता नदी के 2 किमी इलाके में विभ्न्नि प्रजाति की मछलियां मरी हुई पानी के ऊपर तैरती मिली।
जिलाधिकारी रचना भगत ने मामले की छानबीन करने का निर्देश दिया। साथ ही मरी हुई मछली का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। 1मंगलवार सुबह कि तीस्ता नदी के 12 नंबर स्पॉ के पास काफी मछलियां मरी अवस्था में तैरती मिली। विभिन्न प्रजातियों की करीब 15 से 18 किलोग्राम मछली मरी हुई थी। गोमस्त पाड़ा के मत्स्य पालक मिंटु दास ने बताया कि सोमवार सुबह छह बजे से ही तीस्ता नदी के दो किमी इलाके में मरी हुई मछली देखी जा रही थी।
मंगलवार को ही ऐसा ही नजारा देखा गया। दो दिन मिलाकर 40 से 50 किलोग्राम मछली मरी हुई मिली। इस तरह कीटनाशक व जहर डालकर मछली पकड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इन हालातों में जाल से मछली पकड़ने वालों को ही समस्या हो रही है।
स्थानीय रंजीत राय ने कहा कि सोमवार सुबह से ही कई लोग मरी हुई मछली ले जाकर बाजार में बिक्री कर रहे थे। मंगलवार नदी आने पर मरी हुई मछलियों की गंध आ रही थी। इसके बावजूद लोग मछली घर ले गए।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2011 व 2015 में मई महीने में जलपाईगुड़ी शहर से सटे करला लदी और 2012 में तीस्ता नदी के किनारे भी कई मछलियां मरी हुई मिली थी। इसके बाद करला नदी को साफ किया गया था।