स्वास्थ्य साथी कार्ड बनवाने में बिगड़ रहा लोगों का स्वास्थ्य
स्वास्थ्य साथी की हकीकत-1 -हर कैंप में लगी रहती है लोगों की कतार -नंबर नहीं आने
स्वास्थ्य साथी की हकीकत-1 -हर कैंप में लगी रहती है लोगों की कतार
-नंबर नहीं आने से दिनभर की मेहनत बेकार
-काउंटरों और कर्मचारियों की दिख रही है कमी - आवेदन करने वाले भी हो रहे हैं परेशान,फोटो के लिए फोन आने के इंतजार में काट रहे हैं दिन
47
वार्ड हैं नगर निगम के अधीन
05
बोरो कार्यालयों में ही शिविर
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'स्वास्थ्य साथी' का कार्ड बनवाने के लिए यहां लोगों को बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। आम लोग आसानी से यह कार्ड बनवा सकें, उसके लिए सरकार की ओर से 'दुआरे सरकार' जैसा वृहद अभियान चलाया जा रहा है। जगह-जगह विशेष शिविर लगाए हैं। उन शिविरों में केवल मात्र स्वास्थ्य साथी कार्ड के आवेदन हेतु अलग से विशेष काउंटरों की व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद लोगों की परेशानियां कम नहीं हरे रही हैं। शिविर के दिनों में सुबह से शाम तक लंबी कतार में खड़े रहने के बावजूद लोगों का नंबर नहीं आ पा रहा है। उन्हें बैरंग लौट जाना पड़ रहा है। ऐसे में दिन भर की मेहनत बेकार चली जा रही है। इसका लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है।
इस बारे में कई लोगों ने कहा कि जितनी आवेदकों की संख्या है उसके अनुपात में व्यवस्था बहुत कम है। काउंटरों की कमी है, कर्मचारियों की कमी है, इसीलिए लोगों को बड़ी समस्या के सम्मुखीन होना पड़ रहा है। कई लोग जो अपना आवेदन जमा भी कर चुके हैं तो हफ्ते, दो हफ्ते तीन हफ्ते गुजर जाने के बावजूद अब तक उस बाबत कोई प्रति-उत्तर कहीं से नहीं मिल पा रहा है। इसकी व्यवस्था की बात करें तो सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र को ही देखें तो यहां कुल 47 वार्डो के लोगों के लिए केवल पांच बोरो कार्यालयों में दुआरे सरकार शिविर की व्यवस्था है। यह कम से कम प्रति वार्ड एक शिविर होता तो भी लोगों को बड़ी राहत होती। इसे लेकर लोगों की मांग है कि दुआरे सरकार शिविरों की संख्या बढ़ाई जाए। उसमें स्वास्थ्य साथी योजना के आवेदन हेतु अलग से विशेष काउंटरों की संख्या बढ़ाई जाए। वहां पर्याप्त संख्या में अधिकारियों-कर्मचारियों को नियुक्त किया जाए। इसके अलावा अन्य स्थानीय कार्यालयों में भी नियमित रूप में इसके आवेदन की व्यवस्था की जाए। ऑनलाईन आवेदन की भी अेहतर व्यवस्था की जाए तभी जा कर इसमें आसानी हो सकेगी। क्या कहना है सत्तारूढ़ तृणमूल का
इस बारे में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के दार्जिलिंग जिला प्रवक्ता बेदब्रत दत्त का कहना है कि दुआरे सरकार कोई छोटी-मोटी पहल या अभियान नहीं है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राज्य में अब तक दो करोड़ से अधिक लोग दुआरे सरकार शिविरों में पहुंचे हैं। उनमें भी सबसे ज्यादा 62 लाख अकेले स्वास्थ्य साथी कार्ड के आवेदक हैं। जगह-जगह इसे लोगों का बड़ा सहारा मिल रहा है। आम लोग बढ़-चढ़ कर हमारी ममता सरकार की ममतामयी योजना का लाभ लेने को उमड़ रहे हैं। इतने वृहद पैमाने पर पहली बार सरकारी परिसेवा शिविर की नजीर पश्चिम बंगाल की मां-माटी-मानुष सरकार ने ही देश में पेश की है। इन शिविरों में करोड़ों की संख्या में लोगों के आवेदन स्वीकारे गए हैं व उनका निपटारा किया गया है, यह सब अभी भी जारी है। इस महीने तक यह जारी रही रहेगा। इतने बड़े आयोजन में कुछेक लोगों को दिक्कत हो ही सकती है। उसे भी दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि विरोधी केवल विरोध करने हेतु कुछेक लोगों की समस्याओं को इंगित कर रहे हैं लेकिन लाखों-करोड़ों की संख्या में जो लोगों का काम हो रहा है उसकी वे चर्चा नहीं करते। वैसे जो भी कुछेक लोगों को कुछ समस्या हो रही है उसका भी त्वरित समाधान करने को राज्य सरकार तत्पर है।
---------------
दुआरे सरकार शिविरों में स्वास्थ्य साथी योजना लाभ हेतु आवेदन करने में किसी को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। इसके लिए विशेष रूप में हरेक शिविर में अलग से काउंटर की व्यवस्था की गई है। सो, किसी को कोई समस्या तो नहीं होनी चाहिए। अभी तक कहीं से ऐसी कोई शिकायत भी नहीं मिली है। यदि कहीं किसी को कोई समस्या होती है तो उन्हें हमारे कार्यालय को बताना चाहिए। आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
प्रियारंजनी एस.
एसडीओ-सिलीगुड़ी